Cute Sister Sex Kahani मौसा जी के भाई ने दोस्तों के साथ मिलकर चोदा
हेलो दोस्तों, ये मेरी पहली स्टोरी है और अगर आप सब को मेरी ये स्टोरी पसंद आये, तो रिप्लाई जरुर करना, ताकि मेरी हौसला बड सके, आगे आप लोगो के साथ अपने और भी एक्सपीरियंस शेयर करने का. अब मैं अपनी स्टोरी पर आती हु. मैं २३ साल की हु और दिखने में सुंदर हु. मेरे कर्वे हमेशा से गॉसिप का पार्ट रहे है कॉलेज में. मेरा कप साइज़ ३२बी है और मेरे बट्स भी बहुत सेक्सी है. जब मैं जीन्स पहनती मस्त कसी हुई टॉप के साथ पहनती हु और कॉलेज जाती हु, तो बहुत से लड़के अपना पानी छुट जाते है. आप के भी छुटे, तो बताना. मैं छत्तीसगढ़ की रहने वाली हु और अभी रायपुर से एम्कॉम कर रही हु. ये स्टोरी तब की है, जब मैंने अपनी विर्जिनिटी लूज की. मैं अपने मौसी के घर में रह कर पढाई कर रही थी. उनके घर वो, मौसा जी और मौसा जी का छोटा भाई रहते थे और उनका उनका छोटा भाई भी मेरे ही कॉलेज में पढता था. उसकी नज़र हमेशा ही मेरे ऊपर रहती थी और वो किसी ना किसी बहाने से मेरे रूम में आ कर मुझे छुने की कोशिश करता था, पर कभी जबरदस्ती नहीं की. एक बार की बात है, कि नाना जी कि तबियत अचानक से ख़राब हो गयी. मौसी और मौसा जी भोपाल के लिए निकल गए. उस दिन मैं और नीरज घर में अकेले ही थे.
शाम को नीरज मेरे रूम में आया और बोला, कि मैं और मेरे फ्रेंड आज घर पर पार्टी करना चाहते है, अगर तुम को कोई प्रॉब्लम ना हो तो. मैंने कहा – मुझे कोई प्रोब्लम नहीं है. तो उसके चेहरे पर कुछ अलग ही मुस्कान आ गयी. वो मुझे थैंक्स बोल कर चले गया. रात को ९ बजे के आसपास, उसके ३ दोस्त आये.. मयंक, सूरज और विशाल. वो साथ में व्हिस्की की बोटल लाये थे और खाने का सामान भी. नीरज मुझसे गिलास और डिश मांगने आया, तो मैंने उसे दे दिया. वो बोला – तुम भी ज्वाइन कर लो. मैंने मना किया, लेकिन जब उसने थोड़ी जिद की. तो मैंने ओके बोल दिया. मैंने कहा – लेकिन मैं ड्रिंक नहीं करती. तो उसने मुझसे सॉफ्ट ड्रिंक ऑफर कर दी. विशाल मेरे लिए किचन से गिलास ले आया और मैं भी उन लोगो के साथ बैठ कर पीने लगी. एक सिप लेते ही, मुझे ऐसा फील आया. कि उसमे कुछ मिला हो, पर मैं उसे अपने मन का वहम मान कर पूरा ग्लास पी गयी. कुछ देर बाद, मुझे चक्कर आने लगे और मुझे कुछ याद नहीं रहा.
अगले दिन, जब मेरी नीद खुली. तो मेरी बॉडी पर एक भी कपड़ा नहीं था. शरीर में नाखुनो से नौचने के निशान थे. पुसी में दर्द हो रहा था. हिम्मत करके जब मैं बाहर गयी, तो मैंने चारो को नंगा पाया. मैं डर गयी और डर कर रोने लगी. उतने में सूरज उठा और उसने सबको उठाया. वो ४ मुझे देख रहे थे और उनके चेहरे पर अलग ही चमक थी. जब मैंने रोते हुए, नीरज से कंप्लेंट की. तो उसने मुझे मेरे न्यूड फोटो इंटरनेट पर डालने की धमकी दी. वो बोला – चुप हो जा रंडी साली. हम लोगो की बात मान ले, नहीं तो तेरी नंगी फोटो इन्टरनेट पर डाल देंगे. बाद में बताती रहना, जिसको बताना है. फिर उन्होंने मुझे आर्डर किया, कि हम लोगो के लिए ब्रेकफ़ास्ट बना. मैंने रोने लगी, तो नीरज मेरे पास आया और बोला – अगर हम लोगो की बात मानेगी, तो हम किसी को कुछ भी नहीं बोलेंगे और तुझे भी तो चार मर्दों के लंड का मज़ा मिलेगा. मैं और भी जोर से रोने लगी, तो उसने मेरे बाल खिचे और बोला – चल, ५ मिनट में हम लोगो के लिए नाश्ता बना, नहीं तो इन्टरनेट पर तेरे पिक्स डालता हु. मैं डर गयी और कपड़े पहनने लगी, नाश्ता बनाने के लिए. तो उन्होंने मुझे मना कर दिया और बोले – नंगी ही जाकर नाश्ता बना.
मैं शरमाते हुए, नंगी ही जाने लगी अपने आप को जितना छुपा सकती थी, उतना छुपाते हुए. तो विशाल आया और मुझे एक थप्पड़ मारा और बोला – साली रंडी, जिस्म को अब हमसे छुपाएगी. मैं रोते हुए, सबके लिए नाश्ता बनाने चली और फिर सबको नाश्ता खिलाकर, अपने रूम में जाकर कम्बल अपने ऊपर डाल कर रोने लगी. इतने में सब मेरे पास आ गये और नीरज मेरे पास आकर बैठ गया और मयंक ने मेरा कम्बल हटा दिया. उसने मुझे एक सिगरेट दी और बोला पी. मैंने मना किया, तो उन्होंने मुझे मारा और सिगरेट पिला दी. फिर वो बोला – पूरी पी. मैंने डर के कारण पी ली. फिर उसने दारू ली और फिर उसने सिगरेट की एश को दारु में डाल कर मुझे पीने के लिए दे दिया. मैंने पहला घुट लिया, तो वो मुझे कड़वा लगा. लेकिन, मुझे वो जबरदस्ती पीनी पड़ी और कुछ देर में मुझे अपना सिर घूमता सा महसूस हुआ और फिर विशाल ने मुझे बिस्तर पर पटका और मेरे ऊपर चढ़ गया और उसने अपना लंड मेरे मुह में डाल दिया. उसने मुझे उसके लंड को चूसने का आर्डर दिया और मैं डर के मारे चूसने लगी. वैसे भी अब मैंने सोच लिया था, कि अब चुदवाने के अलावा कोई आप्शन नहीं है.
उतने में नीरज भी मेरी चूत को चाटने लगा और मेरी बॉडी में अजीब सी संसेशन होने लगी थी. फिर अचानक से मेरी चूत में से पानी की धार निकली और दिल शांत हो गया. नीरज ने वो धार पी ली. उतने में विशाल ने भी अपना कम मेरे मुह में छोड़ दिया था. कुछ पेपर में रोल करके सूरज पी गया और बोला – सब साइड हटो, अब ये मेरी शिकार है. ये सुनकर मैं डर गयी और वो आया, तो सब साइड हो गए. फिर उसने मेरे हाथो को बेड से बांध दिया और फिर मेरी टाँगे फैलाई और अपने लंड को मेरी चूत पर सेट करके झटका मारा. मेरे मुह से चीख निकल गयी और मैं दर्द के मारे रोने लगी. पर वो बड़ा ही बेरहम था और उसने एक और झटका मारा और अपना आधा लंड अन्दर घुसा दिया और स्पीड से अन्दर – बाहर करने लगा. मैं दर्द से भीख मान रही थी, पर उसने एक भी नहीं सुनी और मुझे चोदता रहा. इतनी बेरहमी से चोद रहा था, कि मैं दो बाद बेहोश हो गयी और फिर जब होश आया, तब कोई नहीं था. सब अपने घर जा चुके थे. मैं और नीरज ही घर पर थे.
फिर नीरज मेरे पास आया और बोला – रोज़ हमें मज़े देती रहो, तुम सेफ रहोगी और जो पैसे हम अपनी गर्लफ्रेंड पर खर्च करते है, वो तुम पर कर देंगे. तुम्हारा भी डबल फायदा.. पैसे भी और चुदाई भी.. उस दिन के बाद से, मैं उनकी स्लेव बन गयी और जिसका मन करता, वो मेरे रूम में आ जाता और चुदाई करता. यर लोग पार्टी करते, तो मुझे स्लेव की ड्रेस बनाकर मिलकर मेरी चुदाई करते. पहले मुझे ये सब गन्दा लगता था, पर अब मुझे भी इन सब की आदत हो गयी और मेरा फ्रेंड सर्किल भी सलट टाइप का ही बन गया. अब मैं खुद का और दुसरो का एंटरटेनमेंट करके लाइफ के मज़े लेती हु.
शाम को नीरज मेरे रूम में आया और बोला, कि मैं और मेरे फ्रेंड आज घर पर पार्टी करना चाहते है, अगर तुम को कोई प्रॉब्लम ना हो तो. मैंने कहा – मुझे कोई प्रोब्लम नहीं है. तो उसके चेहरे पर कुछ अलग ही मुस्कान आ गयी. वो मुझे थैंक्स बोल कर चले गया. रात को ९ बजे के आसपास, उसके ३ दोस्त आये.. मयंक, सूरज और विशाल. वो साथ में व्हिस्की की बोटल लाये थे और खाने का सामान भी. नीरज मुझसे गिलास और डिश मांगने आया, तो मैंने उसे दे दिया. वो बोला – तुम भी ज्वाइन कर लो. मैंने मना किया, लेकिन जब उसने थोड़ी जिद की. तो मैंने ओके बोल दिया. मैंने कहा – लेकिन मैं ड्रिंक नहीं करती. तो उसने मुझसे सॉफ्ट ड्रिंक ऑफर कर दी. विशाल मेरे लिए किचन से गिलास ले आया और मैं भी उन लोगो के साथ बैठ कर पीने लगी. एक सिप लेते ही, मुझे ऐसा फील आया. कि उसमे कुछ मिला हो, पर मैं उसे अपने मन का वहम मान कर पूरा ग्लास पी गयी. कुछ देर बाद, मुझे चक्कर आने लगे और मुझे कुछ याद नहीं रहा.
अगले दिन, जब मेरी नीद खुली. तो मेरी बॉडी पर एक भी कपड़ा नहीं था. शरीर में नाखुनो से नौचने के निशान थे. पुसी में दर्द हो रहा था. हिम्मत करके जब मैं बाहर गयी, तो मैंने चारो को नंगा पाया. मैं डर गयी और डर कर रोने लगी. उतने में सूरज उठा और उसने सबको उठाया. वो ४ मुझे देख रहे थे और उनके चेहरे पर अलग ही चमक थी. जब मैंने रोते हुए, नीरज से कंप्लेंट की. तो उसने मुझे मेरे न्यूड फोटो इंटरनेट पर डालने की धमकी दी. वो बोला – चुप हो जा रंडी साली. हम लोगो की बात मान ले, नहीं तो तेरी नंगी फोटो इन्टरनेट पर डाल देंगे. बाद में बताती रहना, जिसको बताना है. फिर उन्होंने मुझे आर्डर किया, कि हम लोगो के लिए ब्रेकफ़ास्ट बना. मैंने रोने लगी, तो नीरज मेरे पास आया और बोला – अगर हम लोगो की बात मानेगी, तो हम किसी को कुछ भी नहीं बोलेंगे और तुझे भी तो चार मर्दों के लंड का मज़ा मिलेगा. मैं और भी जोर से रोने लगी, तो उसने मेरे बाल खिचे और बोला – चल, ५ मिनट में हम लोगो के लिए नाश्ता बना, नहीं तो इन्टरनेट पर तेरे पिक्स डालता हु. मैं डर गयी और कपड़े पहनने लगी, नाश्ता बनाने के लिए. तो उन्होंने मुझे मना कर दिया और बोले – नंगी ही जाकर नाश्ता बना.
मैं शरमाते हुए, नंगी ही जाने लगी अपने आप को जितना छुपा सकती थी, उतना छुपाते हुए. तो विशाल आया और मुझे एक थप्पड़ मारा और बोला – साली रंडी, जिस्म को अब हमसे छुपाएगी. मैं रोते हुए, सबके लिए नाश्ता बनाने चली और फिर सबको नाश्ता खिलाकर, अपने रूम में जाकर कम्बल अपने ऊपर डाल कर रोने लगी. इतने में सब मेरे पास आ गये और नीरज मेरे पास आकर बैठ गया और मयंक ने मेरा कम्बल हटा दिया. उसने मुझे एक सिगरेट दी और बोला पी. मैंने मना किया, तो उन्होंने मुझे मारा और सिगरेट पिला दी. फिर वो बोला – पूरी पी. मैंने डर के कारण पी ली. फिर उसने दारू ली और फिर उसने सिगरेट की एश को दारु में डाल कर मुझे पीने के लिए दे दिया. मैंने पहला घुट लिया, तो वो मुझे कड़वा लगा. लेकिन, मुझे वो जबरदस्ती पीनी पड़ी और कुछ देर में मुझे अपना सिर घूमता सा महसूस हुआ और फिर विशाल ने मुझे बिस्तर पर पटका और मेरे ऊपर चढ़ गया और उसने अपना लंड मेरे मुह में डाल दिया. उसने मुझे उसके लंड को चूसने का आर्डर दिया और मैं डर के मारे चूसने लगी. वैसे भी अब मैंने सोच लिया था, कि अब चुदवाने के अलावा कोई आप्शन नहीं है.
उतने में नीरज भी मेरी चूत को चाटने लगा और मेरी बॉडी में अजीब सी संसेशन होने लगी थी. फिर अचानक से मेरी चूत में से पानी की धार निकली और दिल शांत हो गया. नीरज ने वो धार पी ली. उतने में विशाल ने भी अपना कम मेरे मुह में छोड़ दिया था. कुछ पेपर में रोल करके सूरज पी गया और बोला – सब साइड हटो, अब ये मेरी शिकार है. ये सुनकर मैं डर गयी और वो आया, तो सब साइड हो गए. फिर उसने मेरे हाथो को बेड से बांध दिया और फिर मेरी टाँगे फैलाई और अपने लंड को मेरी चूत पर सेट करके झटका मारा. मेरे मुह से चीख निकल गयी और मैं दर्द के मारे रोने लगी. पर वो बड़ा ही बेरहम था और उसने एक और झटका मारा और अपना आधा लंड अन्दर घुसा दिया और स्पीड से अन्दर – बाहर करने लगा. मैं दर्द से भीख मान रही थी, पर उसने एक भी नहीं सुनी और मुझे चोदता रहा. इतनी बेरहमी से चोद रहा था, कि मैं दो बाद बेहोश हो गयी और फिर जब होश आया, तब कोई नहीं था. सब अपने घर जा चुके थे. मैं और नीरज ही घर पर थे.
फिर नीरज मेरे पास आया और बोला – रोज़ हमें मज़े देती रहो, तुम सेफ रहोगी और जो पैसे हम अपनी गर्लफ्रेंड पर खर्च करते है, वो तुम पर कर देंगे. तुम्हारा भी डबल फायदा.. पैसे भी और चुदाई भी.. उस दिन के बाद से, मैं उनकी स्लेव बन गयी और जिसका मन करता, वो मेरे रूम में आ जाता और चुदाई करता. यर लोग पार्टी करते, तो मुझे स्लेव की ड्रेस बनाकर मिलकर मेरी चुदाई करते. पहले मुझे ये सब गन्दा लगता था, पर अब मुझे भी इन सब की आदत हो गयी और मेरा फ्रेंड सर्किल भी सलट टाइप का ही बन गया. अब मैं खुद का और दुसरो का एंटरटेनमेंट करके लाइफ के मज़े लेती हु.