Chut Lund Maja Sex Kahani अनामिका को चोदा बंगले में
हैल्लो दोस्तों.. मेरा नाम अशोक है और में आज आप सभी को अपनी एक सच्ची कहानी सुनाने जा रहा हूँ. जिसमे मैंने एक लड़की को कैसे चोदा.. और उसको फिर मेरे लंड की भूखी बनाया? दोस्तों यह कहानी एक खेल के मैदान से शुरू होती है और मेरे घर से कुछ दूरी पर ही एक खेल का मैदान था.. और हर शाम की वॉक के लिए में वहां जाता था.. और बस यहीं से मेरी कहानी शुरू होती हैं और अब में सीधा अपनी कहानी पर आता हूँ और यह किस्सा उस वक़्त का है जब में कॉलेज के 3rd साल में था.. और मुझे अपने शरीर को वी आकार देना था. तो में हमेशा सुबह को 6 या 7 बजे जिम जाता था.. और शाम को वॉक के लिए में उस मैदान में जाता था. इसी दौरान मुझे महसूस हुआ कि दो प्यारी सी मदहोश कर देने वाली सुंदर आखें मुझे हमेशा घूरती रहती हैं.. और जब में मैदान में था तो यह बात सोचकर मेरे शरीर पर एक बिजली सी दौड़ गई और मन ही मन में बहुत खुश भी हो रहा था.. और मैंने मन ही मन में ठान लिया.. कि मुझे कैसे भी करके इस प्यारी सी आखों वाली के साथ जान पहचान करनी होगी.
फिर में एक दिन मैदान में शाम को घूम रहा था.. तो मैंने देखा कि मेरे पीछे पीछे वो लड़की भी आ रही थी.. और में जानबूझ कर थोड़ा धीरे धीरे चलने लगा और वो लड़की मेरे सामने पहुंच गई. तो मैंने इस मौके का फ़ायदा उठाया और थोड़ा हिम्मत करके उसको हाय बोला.. तो वो भी हैल्लो बोली. फिर मेरी हिम्मत बड़ गई और में उसके साथ मे चलने लगा.. और फिर मैंने उसे अपना नाम बताया तो उसने भी मुझे अपना नाम अनामिका बताया.. क्या बताऊ दोस्तों? वो उसके नाम जैसी ही सुंदर थी.. और करीब से उसके फिगर को देखने के बाद मेरे लंड से दो बूँद पानी निकल गया.. बिल्कुल चिकना बदन, उभरी हुई चूचियाँ.. क्या मस्त फिगर था उसका? एकदम लाल एप्पल के जैसे गाल, अंगूर जैसे हाथ, उसे देखने से ही किसी की भी सांसे अटक जाऐ.. और उसके बदन के रंग के बारे में क्या बताऊँ? जैसे दूध में हल्दी पाउडर मिक्स किया हो. फिर हम लोगों ने थोड़ी देर बात की.. और मैंने उसका मोबाईल नंबर लिया और में चला आया.
फिर उसके बाद में दूसरे दिन के लिए बहुत ही उत्सुकता के साथ सोचने लगा.. और मुझे रात भर नींद नहीं आई और में उसके बारे में सोच सोचकर तीन बार मुठ मार चुका था.. और मुझे बार बार उसके बूब्स की याद आ रही थी.. जब वो मेरे साथ चल रही थी तो उसके बूब्स बार बार ऊपर नीचे हो रहे थे.. और यह बात सोचकर मेरा लंड बार बार खड़ा हो रहा था. फिर उसके अगले दिन हम लोग फिर एक साथ शाम को घूमे और बहुत सारी बातें की. फिर उसी रात को करीब 11 बजे मुझे उसका मिस्ड कॉल मिला.. तो में बहुत खुश हो गया और मुझे पूरा विश्वास हो गया कि आग दोनों तरफ़ बराबर लगी हैं.. और मैंने उसे फोन किया तो एक ही रिंग में उसने फोन उठा लिया.. और हम लोगो ने करीब 3/4 घंटे तक बातें की.. और बातों ही बातों में मुझे पता चला कि वो भी मेरे ही कॉलेज में पहले साल में हैं और रोज शाम को कॉलेज के बाद कंप्यूटर स्कूल के लिए जाती हैं. तो मैंने उससे कहा.. कि में तुम्हे कल तुम्हारे कंप्यूटर स्कूल के टाईम पर मिलूँगा..
और वो भी मिलने को तैयार हो गई. फिर हम लोगो ने फोन बंद किया और सो गये. फिर उसके अगले दिन मैंने उसकी कंप्यूटर स्कूल में जाने से पहले उसको फोन किया.. लेकिन उसने कोई भी जवाब नहीं दिया. तो में थोड़ा सोचने पर मजबूर हो गया.. और फिर उसके आधे घंटे के बाद मुझे उसका मिस्ड कॉल मिला. तो मैंने तुरंत कॉल कर दिया और उससे पूछा.. कि तुम कहाँ हो? तो वो बोली कि में स्कूल के लिए निकल रही हूँ.. तो मैंने पूछा कि कहाँ पर मिलोगी? फिर उसने मुझे जगह का नाम बताया और साथ में टाईम भी. फिर में भी अपनी बाईक लेकर घर से निकल गया.. और कंप्यूटर स्कूल पहुंचने से थोड़ी दूरी पर मैंने उसे अपनी बाईक पर बिठाया और हमारे घर के एक पार्क में लेकर चला गया.. और वहाँ पर हम दोनों ने ढेर सारी बातें करी और फिर कुछ घंटे उसके साथ गुजारने के बाद अपने घर पर चला गया. फिर उस दिन के बाद हम दोनों हर रोज रात में बातें करने लगे.
फिर एक दिन मैंने उससे रात को फोन पर पूछा कि तुम क्या पहन कर सोई हुई हो? तो वो शरमा गई और बोली कि में नहीं बताउंगी.. लेकिन में उससे बहुत ज़िद करने लगा. तो वो बोली कि में बिना डोरी का टॉप और गाऊन पहने हुई हूँ. तो फिर मैंने पूछा कि और क्या पहना है? तो अनामिका बोली.. कि ब्रा और पेंटी.. इधर मेरा लंड अपने पूरे जोश में आ गया और में मुठ मारने लगा.. और धीरे धीरे मैंने उससे सेक्स की बहुत सारी बातें करना शुरू किया और वो भी बड़े मज़े से मुझसे सेक्स की बातें करती थी. फिर एक दिन मैंने कहा कि मुझे एक किस दो.. तभी वो शरमा गई. फिर मैंने उसे दो तीन बार बोला.. तो उसने धीरे से एक किस दे दिया. फिर वो बोली कि मुझे भी दो.. तो मैंने पूछा कि कौन से अंग पर चाहिये? वो एकदम चुप हो गई.. और मेरे दो तीन बार पूछने के बाद बोली कि तुम्हारी जहाँ पर मर्ज़ी हो दे दो. फिर में उसे एक एक अंग पर फोन से ही किस करने लगा और उसके मुहं से आहह उुउउहह ऊफ्फ की आवाजे निकलने लगी.. जिसे सुनकर मेरे लंड से पानी निकल गया.
तो मैंने उससे बोला कि में अगर तुम्हारे बूब्स चूसू तो.. क्या तुम को बुरा तो नहीं लगेगा? तो उसने कहा कि में पागल हो जाऊंगी.. प्लीज़ मुझे और मत तरसाओ. तो मैंने कहा कि ठीक है.. में कल तुमसे मिलूँगा और तुम्हारे बूब्स पिऊंगा. फिर हम लोग सो गये और दूसरे दिन में उसको पहले की जगह से हटकर दूसरी जगह पर लेकर गया. उस जगह पर भीड़भाड़ बहुत ही कम रहती है.. और कभी भी उस रोड़ पर इघर उधर से कोई भी गाड़ी नहीं जाती थी.. इसलिए किसी ने हमे देखा भी नहीं.. और रोड एकदम खाली देखकर अनामिका मेरी पीठ से एकदम चिपक कर बैठ गई और मुझे बहुत ही मज़ा आ रहा था. फिर उस रोड़ पर थोड़ा दूर जाने के बाद एक सुनसान सी जगह पर मैंने अपनी बाईक को रोक दिया और मैंने उसको अपनी तरफ खीचकर बाहों में ले लिया.. और धीरे से उसको किस किया. तो शर्म से उसने अपनी दोनों आखों को बंद कर लिया और मैंने उसकी टी-शर्ट को थोड़ा ऊपर उठाया.. और किस के साथ साथ में उसके बूब्स को भी दबाने लगा और उसके निप्पल को भी रगड़ रहा था.
तभी थोड़ी ही देर में वो मस्ती में आ गयी और मैंने उसकी टी-शर्ट को पूरा उतार दिया. उसने काली रंग की ब्रा पहनी हुई थी. और ऐसा लग रहा था.. कि वो कभी भी बाहर आ सकते है और फिर मैंने उन पर थोड़ा तरस खाया और उसकी ब्रा के हुक खोल दिए.. और अब वो दोनों बूब्स ब्रा की क़ैद से आज़ाद होकर ऐसे उछलने लगे जैसे उनकी मुराद पूरी हो गई. तो मैंने अनामिका के गोल गोल बूब्स को पहले तो अपनी जीभ से बहुत देर तक चाटा.. फिर उसको किस किया.. एक बूब्स पर किस करता था तो दूसरे को हाथ से मसलता जा रहा था. धीरे धीरे अनामिका को मस्ती आने लगी और वो अपने मुहं से अजीब अजीब सी आवाजे निकालने लगी.. में उसकी आवाज़ सुनकर और तेज़ी से उसके बूब्स को मसलने लगा और मैंने उसके निप्पल को अपने मुहं में लिया और ज़ोर जोर से चूसने लगा..
और बीच बीच में अपनी जीभ से उसके निप्पल को में रगड़ता भी जा रहा था.. वो इतनी पागल और मस्ती में आ गयी कि मुझे खुद से चिपकाने लगी. मैंने करीब आधे घंटे तक उसकी चूचियों को खड़े खड़े चूसा.. तभी अचानक से एक गाड़ी की आवाज आने लगी तो हम दोनों ने अपने अपने कपड़े पहन लिए और वापस उसके कंप्यूटर स्कूल आ गये क्योंकि में नहीं चाहता था कि कोई हम दोनों पर शक करे. फिर उसी रात मैंने उससे फोन पर खूब सेक्स भरी बातें की.. तो वो बोली कि जानू मेरे नीचे कुछ हो रहा है और बहुत कुछ अजीब सा लग रहा है. तो मैंने कहा कि क्या अजीब सा? तो उसने कहा कि मुझे पता नहीं.. लेकिन मेरी चूत बहुत गीली हो गयी है.
तभी मैंने कहा कि तुम्हारी चूत को मेरा लंड ही ठीक कर सकता है.. लेकिन इसके लिए तुमको दो दिन के लिए इंतजार करना होगा.. और अब मेरे पास में दो दिन थे और मुझे ऐसी कोई एक जगह ढूढ़नी होगी.. जहाँ पर में अनामिका को ले जाकर चोद सकूँ.. तो मैंने तीन चार अपने दोस्तों को फोन किया.. जो कि गार्डन में मैनेजर की नौकरी करते थे.. क्योंकि गार्डन के बंगले पर कोई आता जाता नहीं था और गार्डन के बहुत बंगले बहुत सुनसान जगह पर हुआ करते हैं और बहुत सुरक्षित भी था और किस्मत से मेरा एक दोस्त अगले दिन कुछ दिनों की छुट्टियों पर बाहर जाने वाला था.. और उस बीच उसका बंगला एकदम खाली रहेगा. तो मैंने उसको सारी बात बता दी.. तो मेरा दोस्त बोला कि ठीक हैं.. में तो अपना बंगला तुमको दे दूँगा.. लेकिन मुझे भी मज़ा लेना हैं. तो मैंने बोला ठीक हैं भाई हो जाएगा.. लेकिन पहले मुझे तो मज़ा लेने दे. फिर वो तैयार हो गया और अगले दिन में उसको अपने दोस्त के बंगले पर ले गया और रात को मैंने अनामिका के साथ फोन पर बात की.. और उसे अगले दिन का प्लान बताया तो.. वो भी तैयार हो गई मज़ा लूटने के लिए.
फिर अगले दिन मैंने उसे कंप्यूटर स्कूल पहुंचने से थोड़ा पहले ही अपनी बाईक पर बिठा लिया और फिर उसी बंगले पर ले गया और आज अनामिका की गांड एकदम सेक्सी लग रही थी. टाईट टी-शर्ट और वो स्किन टाईट जीन्स पहने हुई थी.. जिससे उसकी गांड एकदम उभरी हुई दिख रही थी. जिसको देखते ही मेरा लंड पेंट के अंदर ही फड़फड़ा रहा था.. फिर बंगले पर पहुंचकर अंदर से दरवाजा लॉक करते ही मैंने उसे किस करना चालू कर दिया और साथ में सारे कपड़े भी उतारने लगा.. और जब वो पूरी नंगी हो गयी तब मैंने उसे ऊपर से नीचे तक बहुत चूमा चाटा और उसकी चूचियों को दबा रहा था. फिर मैंने उसको बेड पर लेटा दिया और उसकी चूत को चाटने लगा और अब वो भी पूरी मस्ती में आ गयी.
फिर मैंने उससे कहा कि अब तुम मेरे लंड को चाटो.. पहले तो वो मना कर रही थी.. लेकिन थोड़ा मेरे समझाने के बाद वो मान गई और मेरे लंड को लोलीपोप की तरह चूसने लगी.. में मस्ती में पागल हो गया और थोड़ी ही देर में मेरा लंड फुल साईज में आ गया.. और वो मेरे लंड का साईज देखकर डर गई और चूसने के लिए मना करने लगी. तो मैंने बोला कि कुछ नहीं होगा.. और में तुम्हे धीरे से चोदूँगा और में उसको बेड पर लेटाकर उसके बूब्स को दबाने लगा और धीरे धीरे में उसकी चूत को भी चाटने लगा और मस्ती में आ गया. फिर में उसके ऊपर आ गया और उसकी चूत पर अपना लंड रगड़ना चालू कर दिया. अनामिका सिसकियाँ लेने लगी और बोली कि जानू क्यों तड़पा रहे हो.. जल्दी से अंदर डालो ना इसे. तो मैंने कहा कि ठीक है.. फिर मैंने धीरे से एक धक्का मारा तो मेरा लंड एक इंच लंड अंदर चला गया और वो चिल्लाने लगी और मुझसे लिपट गई..
लेकिन में रूका नहीं और एक झटका मारा तो.. मेरा आधा लंड उसकी चूत के अंदर चला गया. तो वो रोने लगी और बोली कि मुझे नहीं करवाना है.. प्लीज बाहर निकालो इसे.. मुझे छोड़ दो मुझे बहुत दर्द हो रहा है. लेकिन मैंने उसकी एक ना सुनी और ज़ोर से फिर एक बार धक्का लगाया और मेरा पूरा लंड उसकी चूत के अंदर डाल दिया.. और धीरे धीरे अंदर बाहर करने लगा और साथ में उसके बूब्स को पीता रहा. पूरा रूम आहा उह्ह्ह अह्ह्ह की आवाज़ से गूंजने लगा. करीब 15 मिनट तक में उसे चोदता रहा.. इस बीच वो 3 बार झड़ी.. लेकिन में धक्के पर धक्के लगाता रहा.. आख़िर में मेरी भी मंज़िल आ गयी और में भी झड़ गया.
तभी थोड़ी देर एक दूसरे के साथ हम ऐसे ही चिपके पड़े रहे.. थोड़ी देर बाद मेरा लंड फिर से मस्ती में आ गया. फिर मैंने उसके दोनों पैर मेरे कंधे पर उठाए और लंड उसकी चूत में डाल दिया.. वो फिर से रोने लगी.. और मैंने अपना लंड अंदर बाहर करना शुरू किया. थोड़ी देर बाद वो भी मस्ती में आ गई और मेरा पूरा पूरा साथ देने लगी. करीब 1 घंटे चोदने के बाद में झड़ गया. दोस्तों उस दिन मैंने उसे 3 घंटे में करीब 8 बार चोदा और में तो पूरा थक गया था फिर मैंने थोड़ी देर आराम करने के बाद उसे कंप्यूटर स्कूल के सामने छोड़ दिया और में अपने घर पर आ गया.
दोस्तों.. हमारी चुदाई का दौर इसी तरह चलता रहा और मैंने उसे बहुत बार चोदा. कभी उसके घर पर कभी मेरे घर पर.. कभी इधर, उधर जब भी जहाँ भी मौका मिलता में उसे चोदता और वो बहुत खुश होकर चुदवाती थी.
फिर में एक दिन मैदान में शाम को घूम रहा था.. तो मैंने देखा कि मेरे पीछे पीछे वो लड़की भी आ रही थी.. और में जानबूझ कर थोड़ा धीरे धीरे चलने लगा और वो लड़की मेरे सामने पहुंच गई. तो मैंने इस मौके का फ़ायदा उठाया और थोड़ा हिम्मत करके उसको हाय बोला.. तो वो भी हैल्लो बोली. फिर मेरी हिम्मत बड़ गई और में उसके साथ मे चलने लगा.. और फिर मैंने उसे अपना नाम बताया तो उसने भी मुझे अपना नाम अनामिका बताया.. क्या बताऊ दोस्तों? वो उसके नाम जैसी ही सुंदर थी.. और करीब से उसके फिगर को देखने के बाद मेरे लंड से दो बूँद पानी निकल गया.. बिल्कुल चिकना बदन, उभरी हुई चूचियाँ.. क्या मस्त फिगर था उसका? एकदम लाल एप्पल के जैसे गाल, अंगूर जैसे हाथ, उसे देखने से ही किसी की भी सांसे अटक जाऐ.. और उसके बदन के रंग के बारे में क्या बताऊँ? जैसे दूध में हल्दी पाउडर मिक्स किया हो. फिर हम लोगों ने थोड़ी देर बात की.. और मैंने उसका मोबाईल नंबर लिया और में चला आया.
फिर उसके बाद में दूसरे दिन के लिए बहुत ही उत्सुकता के साथ सोचने लगा.. और मुझे रात भर नींद नहीं आई और में उसके बारे में सोच सोचकर तीन बार मुठ मार चुका था.. और मुझे बार बार उसके बूब्स की याद आ रही थी.. जब वो मेरे साथ चल रही थी तो उसके बूब्स बार बार ऊपर नीचे हो रहे थे.. और यह बात सोचकर मेरा लंड बार बार खड़ा हो रहा था. फिर उसके अगले दिन हम लोग फिर एक साथ शाम को घूमे और बहुत सारी बातें की. फिर उसी रात को करीब 11 बजे मुझे उसका मिस्ड कॉल मिला.. तो में बहुत खुश हो गया और मुझे पूरा विश्वास हो गया कि आग दोनों तरफ़ बराबर लगी हैं.. और मैंने उसे फोन किया तो एक ही रिंग में उसने फोन उठा लिया.. और हम लोगो ने करीब 3/4 घंटे तक बातें की.. और बातों ही बातों में मुझे पता चला कि वो भी मेरे ही कॉलेज में पहले साल में हैं और रोज शाम को कॉलेज के बाद कंप्यूटर स्कूल के लिए जाती हैं. तो मैंने उससे कहा.. कि में तुम्हे कल तुम्हारे कंप्यूटर स्कूल के टाईम पर मिलूँगा..
और वो भी मिलने को तैयार हो गई. फिर हम लोगो ने फोन बंद किया और सो गये. फिर उसके अगले दिन मैंने उसकी कंप्यूटर स्कूल में जाने से पहले उसको फोन किया.. लेकिन उसने कोई भी जवाब नहीं दिया. तो में थोड़ा सोचने पर मजबूर हो गया.. और फिर उसके आधे घंटे के बाद मुझे उसका मिस्ड कॉल मिला. तो मैंने तुरंत कॉल कर दिया और उससे पूछा.. कि तुम कहाँ हो? तो वो बोली कि में स्कूल के लिए निकल रही हूँ.. तो मैंने पूछा कि कहाँ पर मिलोगी? फिर उसने मुझे जगह का नाम बताया और साथ में टाईम भी. फिर में भी अपनी बाईक लेकर घर से निकल गया.. और कंप्यूटर स्कूल पहुंचने से थोड़ी दूरी पर मैंने उसे अपनी बाईक पर बिठाया और हमारे घर के एक पार्क में लेकर चला गया.. और वहाँ पर हम दोनों ने ढेर सारी बातें करी और फिर कुछ घंटे उसके साथ गुजारने के बाद अपने घर पर चला गया. फिर उस दिन के बाद हम दोनों हर रोज रात में बातें करने लगे.
फिर एक दिन मैंने उससे रात को फोन पर पूछा कि तुम क्या पहन कर सोई हुई हो? तो वो शरमा गई और बोली कि में नहीं बताउंगी.. लेकिन में उससे बहुत ज़िद करने लगा. तो वो बोली कि में बिना डोरी का टॉप और गाऊन पहने हुई हूँ. तो फिर मैंने पूछा कि और क्या पहना है? तो अनामिका बोली.. कि ब्रा और पेंटी.. इधर मेरा लंड अपने पूरे जोश में आ गया और में मुठ मारने लगा.. और धीरे धीरे मैंने उससे सेक्स की बहुत सारी बातें करना शुरू किया और वो भी बड़े मज़े से मुझसे सेक्स की बातें करती थी. फिर एक दिन मैंने कहा कि मुझे एक किस दो.. तभी वो शरमा गई. फिर मैंने उसे दो तीन बार बोला.. तो उसने धीरे से एक किस दे दिया. फिर वो बोली कि मुझे भी दो.. तो मैंने पूछा कि कौन से अंग पर चाहिये? वो एकदम चुप हो गई.. और मेरे दो तीन बार पूछने के बाद बोली कि तुम्हारी जहाँ पर मर्ज़ी हो दे दो. फिर में उसे एक एक अंग पर फोन से ही किस करने लगा और उसके मुहं से आहह उुउउहह ऊफ्फ की आवाजे निकलने लगी.. जिसे सुनकर मेरे लंड से पानी निकल गया.
तो मैंने उससे बोला कि में अगर तुम्हारे बूब्स चूसू तो.. क्या तुम को बुरा तो नहीं लगेगा? तो उसने कहा कि में पागल हो जाऊंगी.. प्लीज़ मुझे और मत तरसाओ. तो मैंने कहा कि ठीक है.. में कल तुमसे मिलूँगा और तुम्हारे बूब्स पिऊंगा. फिर हम लोग सो गये और दूसरे दिन में उसको पहले की जगह से हटकर दूसरी जगह पर लेकर गया. उस जगह पर भीड़भाड़ बहुत ही कम रहती है.. और कभी भी उस रोड़ पर इघर उधर से कोई भी गाड़ी नहीं जाती थी.. इसलिए किसी ने हमे देखा भी नहीं.. और रोड एकदम खाली देखकर अनामिका मेरी पीठ से एकदम चिपक कर बैठ गई और मुझे बहुत ही मज़ा आ रहा था. फिर उस रोड़ पर थोड़ा दूर जाने के बाद एक सुनसान सी जगह पर मैंने अपनी बाईक को रोक दिया और मैंने उसको अपनी तरफ खीचकर बाहों में ले लिया.. और धीरे से उसको किस किया. तो शर्म से उसने अपनी दोनों आखों को बंद कर लिया और मैंने उसकी टी-शर्ट को थोड़ा ऊपर उठाया.. और किस के साथ साथ में उसके बूब्स को भी दबाने लगा और उसके निप्पल को भी रगड़ रहा था.
तभी थोड़ी ही देर में वो मस्ती में आ गयी और मैंने उसकी टी-शर्ट को पूरा उतार दिया. उसने काली रंग की ब्रा पहनी हुई थी. और ऐसा लग रहा था.. कि वो कभी भी बाहर आ सकते है और फिर मैंने उन पर थोड़ा तरस खाया और उसकी ब्रा के हुक खोल दिए.. और अब वो दोनों बूब्स ब्रा की क़ैद से आज़ाद होकर ऐसे उछलने लगे जैसे उनकी मुराद पूरी हो गई. तो मैंने अनामिका के गोल गोल बूब्स को पहले तो अपनी जीभ से बहुत देर तक चाटा.. फिर उसको किस किया.. एक बूब्स पर किस करता था तो दूसरे को हाथ से मसलता जा रहा था. धीरे धीरे अनामिका को मस्ती आने लगी और वो अपने मुहं से अजीब अजीब सी आवाजे निकालने लगी.. में उसकी आवाज़ सुनकर और तेज़ी से उसके बूब्स को मसलने लगा और मैंने उसके निप्पल को अपने मुहं में लिया और ज़ोर जोर से चूसने लगा..
और बीच बीच में अपनी जीभ से उसके निप्पल को में रगड़ता भी जा रहा था.. वो इतनी पागल और मस्ती में आ गयी कि मुझे खुद से चिपकाने लगी. मैंने करीब आधे घंटे तक उसकी चूचियों को खड़े खड़े चूसा.. तभी अचानक से एक गाड़ी की आवाज आने लगी तो हम दोनों ने अपने अपने कपड़े पहन लिए और वापस उसके कंप्यूटर स्कूल आ गये क्योंकि में नहीं चाहता था कि कोई हम दोनों पर शक करे. फिर उसी रात मैंने उससे फोन पर खूब सेक्स भरी बातें की.. तो वो बोली कि जानू मेरे नीचे कुछ हो रहा है और बहुत कुछ अजीब सा लग रहा है. तो मैंने कहा कि क्या अजीब सा? तो उसने कहा कि मुझे पता नहीं.. लेकिन मेरी चूत बहुत गीली हो गयी है.
तभी मैंने कहा कि तुम्हारी चूत को मेरा लंड ही ठीक कर सकता है.. लेकिन इसके लिए तुमको दो दिन के लिए इंतजार करना होगा.. और अब मेरे पास में दो दिन थे और मुझे ऐसी कोई एक जगह ढूढ़नी होगी.. जहाँ पर में अनामिका को ले जाकर चोद सकूँ.. तो मैंने तीन चार अपने दोस्तों को फोन किया.. जो कि गार्डन में मैनेजर की नौकरी करते थे.. क्योंकि गार्डन के बंगले पर कोई आता जाता नहीं था और गार्डन के बहुत बंगले बहुत सुनसान जगह पर हुआ करते हैं और बहुत सुरक्षित भी था और किस्मत से मेरा एक दोस्त अगले दिन कुछ दिनों की छुट्टियों पर बाहर जाने वाला था.. और उस बीच उसका बंगला एकदम खाली रहेगा. तो मैंने उसको सारी बात बता दी.. तो मेरा दोस्त बोला कि ठीक हैं.. में तो अपना बंगला तुमको दे दूँगा.. लेकिन मुझे भी मज़ा लेना हैं. तो मैंने बोला ठीक हैं भाई हो जाएगा.. लेकिन पहले मुझे तो मज़ा लेने दे. फिर वो तैयार हो गया और अगले दिन में उसको अपने दोस्त के बंगले पर ले गया और रात को मैंने अनामिका के साथ फोन पर बात की.. और उसे अगले दिन का प्लान बताया तो.. वो भी तैयार हो गई मज़ा लूटने के लिए.
फिर अगले दिन मैंने उसे कंप्यूटर स्कूल पहुंचने से थोड़ा पहले ही अपनी बाईक पर बिठा लिया और फिर उसी बंगले पर ले गया और आज अनामिका की गांड एकदम सेक्सी लग रही थी. टाईट टी-शर्ट और वो स्किन टाईट जीन्स पहने हुई थी.. जिससे उसकी गांड एकदम उभरी हुई दिख रही थी. जिसको देखते ही मेरा लंड पेंट के अंदर ही फड़फड़ा रहा था.. फिर बंगले पर पहुंचकर अंदर से दरवाजा लॉक करते ही मैंने उसे किस करना चालू कर दिया और साथ में सारे कपड़े भी उतारने लगा.. और जब वो पूरी नंगी हो गयी तब मैंने उसे ऊपर से नीचे तक बहुत चूमा चाटा और उसकी चूचियों को दबा रहा था. फिर मैंने उसको बेड पर लेटा दिया और उसकी चूत को चाटने लगा और अब वो भी पूरी मस्ती में आ गयी.
फिर मैंने उससे कहा कि अब तुम मेरे लंड को चाटो.. पहले तो वो मना कर रही थी.. लेकिन थोड़ा मेरे समझाने के बाद वो मान गई और मेरे लंड को लोलीपोप की तरह चूसने लगी.. में मस्ती में पागल हो गया और थोड़ी ही देर में मेरा लंड फुल साईज में आ गया.. और वो मेरे लंड का साईज देखकर डर गई और चूसने के लिए मना करने लगी. तो मैंने बोला कि कुछ नहीं होगा.. और में तुम्हे धीरे से चोदूँगा और में उसको बेड पर लेटाकर उसके बूब्स को दबाने लगा और धीरे धीरे में उसकी चूत को भी चाटने लगा और मस्ती में आ गया. फिर में उसके ऊपर आ गया और उसकी चूत पर अपना लंड रगड़ना चालू कर दिया. अनामिका सिसकियाँ लेने लगी और बोली कि जानू क्यों तड़पा रहे हो.. जल्दी से अंदर डालो ना इसे. तो मैंने कहा कि ठीक है.. फिर मैंने धीरे से एक धक्का मारा तो मेरा लंड एक इंच लंड अंदर चला गया और वो चिल्लाने लगी और मुझसे लिपट गई..
लेकिन में रूका नहीं और एक झटका मारा तो.. मेरा आधा लंड उसकी चूत के अंदर चला गया. तो वो रोने लगी और बोली कि मुझे नहीं करवाना है.. प्लीज बाहर निकालो इसे.. मुझे छोड़ दो मुझे बहुत दर्द हो रहा है. लेकिन मैंने उसकी एक ना सुनी और ज़ोर से फिर एक बार धक्का लगाया और मेरा पूरा लंड उसकी चूत के अंदर डाल दिया.. और धीरे धीरे अंदर बाहर करने लगा और साथ में उसके बूब्स को पीता रहा. पूरा रूम आहा उह्ह्ह अह्ह्ह की आवाज़ से गूंजने लगा. करीब 15 मिनट तक में उसे चोदता रहा.. इस बीच वो 3 बार झड़ी.. लेकिन में धक्के पर धक्के लगाता रहा.. आख़िर में मेरी भी मंज़िल आ गयी और में भी झड़ गया.
तभी थोड़ी देर एक दूसरे के साथ हम ऐसे ही चिपके पड़े रहे.. थोड़ी देर बाद मेरा लंड फिर से मस्ती में आ गया. फिर मैंने उसके दोनों पैर मेरे कंधे पर उठाए और लंड उसकी चूत में डाल दिया.. वो फिर से रोने लगी.. और मैंने अपना लंड अंदर बाहर करना शुरू किया. थोड़ी देर बाद वो भी मस्ती में आ गई और मेरा पूरा पूरा साथ देने लगी. करीब 1 घंटे चोदने के बाद में झड़ गया. दोस्तों उस दिन मैंने उसे 3 घंटे में करीब 8 बार चोदा और में तो पूरा थक गया था फिर मैंने थोड़ी देर आराम करने के बाद उसे कंप्यूटर स्कूल के सामने छोड़ दिया और में अपने घर पर आ गया.
दोस्तों.. हमारी चुदाई का दौर इसी तरह चलता रहा और मैंने उसे बहुत बार चोदा. कभी उसके घर पर कभी मेरे घर पर.. कभी इधर, उधर जब भी जहाँ भी मौका मिलता में उसे चोदता और वो बहुत खुश होकर चुदवाती थी.