Father in law and Daughter in law Sex Story in Hindi

Father in law and Daughter in law Sex Story in Hindi
ये सच है की मैं ससुर के बच्चे की माँ बनने बाली हु, मेरे शादी के करीब ४ साल हो गए है, मेरा पति दिल्ली में काम करता है मैं उत्तर प्रदेश की रहने बाली हु, पति का सुख नहीं मिला इस वजह से मैं अपने ससुर से ही चुदवाने लगी, पति का सुख नहीं मिलने का कारण यह है की साल में वो १ महीने के लिए ही आता है और इतना भी नहीं कमाता है की मुझे वो वह रख सके.

लेकिन शरीर की गर्मी मेरे से सही नहीं जाती मुझे भी तो लंड चाहिए, मेरी सास नहीं नहीं, और मैं घर में अकेली ही बहु हु, मेरी कोई ननद भी नहीं है, मैंने अपने ससुर को ब्लैक मेल किया और चोदने को मजबूर किया, ससुर मेरा हरामी नहीं है पर मैं अपने भूख को शांत करने के लिए किसी भी हद तक जा सकती थी इस वजह से मैंने वही किया जो मुझे अच्छा लगा, अब मैं प्रेग्नेंट हु वो भी ससुर से समझ में नहीं आ रहा है क्या करू पर मैं कोई ना कोई रास्ता निकाल लुंगी, ये सब कैसे हुआ मैं आगे बताती हु, मैं अपना नाम नहीं बताउंगी यहाँ पे.

मेरा नाम रशिली है, कानपूर देहात की रहने वाली हु, मेरी उम्र २२ साल की है, लंड का स्वाद अपने पति से ही मिला वो भी उतना नहीं जितना मैं चाहती थी, मन भटकता था चाहती थी किसी किसी पडोश के लड़के से ही चुदवा लू पर डरती थी कही वो ब्लैकमेल ना करे इसलिए मन मार के रह गयी, मेरे दिमाग में एक विचार आया क्यों ना मैं ससुर से ही चुदवा लू, बूढ़े को भी तो बूर का मजा चाहिए क्यों की सास का देहांत हुए करीब १० साल हो गया था, तो मैंने अपने ससुर पे डोरे डालने लगी.

एक दिन ससुर का तबियत ख़राब हो गया था मैंने उनके लिए तेल गरम कर के पुरे शरीर में मालिश की उनके पुरे जिस्म को मैंने अपने हाथ से टटोला और ब्लाउज का ऊपर का हुक खोल के राखी ताकि वो मेरे गदराये हुए चूचियों को निहार सके हुआ भी ऐसा ही, ससुर ने तिरछी नज़र से खूब निहारा मैं मन ही मन खुश हुई, फिर कुछ ऐसी भी हरकत मैंने की जिससे मेरी चूची उनके हाथ को छुआ, मैं उनके हाव् भाव से समझ रही थी की वो ये सब नहीं चाह रहे थे, उनकी नियत ख़राब नहीं थी पर मैं चुदवाने के लिए व्याकुल थी.

मैंने दूसरे दिन आँगन में चापाकल पे नह रही थी और मैंने जानबूझ कर वही टाइम चुना जब वो खेत से घर आते है, बाहर का दरवाजा खुला ही छोड़ दिया, और मैंने अपने ब्लाउज और ब्रा को खोल के नहाने लगी, पेटीकोट कमर पे ही बंधा था, चुचिया यु ही खुला था, मैं रगड़ रगड़ के नहाने लगी, उस दिन कुछ ज्यादा ही नही क्यों की ससुर देर से आये थे, जब वो दरवाजे के अंदर आये वो हैरान हो गए और मैं भी झूठ मुठ की परेशान हो गयी, वो मुझे नंगे देख लिए, मेरा गदराया हुआ बदन किसी के भी होश उड़ाने के लिए तैयार था, वो शरमाते हुए कमरे में चले गए और मैं भी कपडे पहन ली, मैं तिरछी निगाह से देखि तो उनके धोती फुला हुआ था शायद उनका लंड खड़ा हो गया था.

इस तरह से कई दिन हो गए पर मौक़ा नहीं मिला चुदवाने के लिए, एक दिन मैंने रात के करीब २ बजे पेट दर्द का बहाना बनाई और रोने लगी, मेरे ससुर परेशान हो गए कोई डॉक्टर भी नज़दीक में नहीं था, सुबह ही कुछ हो सकता था, मैंने कहा पिताजी आप चिंता ना करो पहले भी कई बार ऐसा हुआ था मेरी माँ गरम सर्सो का तेल मेरे पेट पे मालिश कर देती थी तो छूट जाता था, मैंने कराहते हुए बोली. पिताजी फ़ौरन ही रसोई में गए और चूल्हे से गरम तेल कर के ले आये, मैंने लगाने को कोशिश की पर मैं चाहती थी की वो लगाए, मैंने कहा मैं नहीं लगा पाउंगी, अगर आप लगा दे तो अच्छा हो जाएगा, उनके हाथ कापने लगे बोले बेटी मैं कैसे?

मैंने कहा कोई बात नहीं मैं किसी को नहीं बताउंगी, वो तैयार हो गए और मेरे पेट पे मालिश करने लगे, उसी वक्त मैंने अपने पेटीकोट का नाड़ा खोल दिया और आँख बंद कर ली वो मेरे पेट पे तेल लगाते रहे और मेरी चूचियों को निहारते रहे, आकिहार मेरे सब्र का बांध टूट गया और मैंने कहा, आप मुझे वो सुख दो जो आपका बेटा नहीं दिया अगर आप मना करोगे तो पुरे गाँव में बात फैलाडुंगी की जब मैं सो रही थी उस समय आपने मेरे साथ गलत हरकत किया, मेरे ससुर परेशान हो गए बोले नहीं नहीं ये सब गलत है मैं नहीं कर सकता, उसी समय मैंने कहा मैं अभी घर से बहार चली जाऊूँगी और चिल्लाऊंगी की आपने मेरी इज्जत लूट ली. उन्होंने बोला ठीक है जो तुम चाहो.

मैंने अपने ब्लाउज को उतार दिया और उनको अपने बाहों में ले ली, मैंने सबसे पहले उनको अपना दूध पिलाया फिर मैंने उनको अपना बूर चाटने के लिए कहा करीब १० मिनट बूर चटवाने के बाद मैं काफी कामुक हो गयी थी मेरे दांत पीस रहे थे, बूर से पानी निकल रहा था चूचियाँ टाइट हो चुकी थी, मैंने अपने ससुर का लंड अपने मुह में लेके मलाई बर्फ की तरफ चूसने लगी धीरे धीरे उनका लंड काफी बड़ा और टाइट हो गया फिर मैंने उनके लंड को पकड़ कर बूर के मुह पे रखी और मैंने उनसे पेल देने के लिए कहा,

फिर क्या था उस बूढ़े में जान आ गया वो झटके पे झटके दे रहा था मैं भी गांड उठा उठा के चुदवा रही थी, उसने मुझे गांड भी मार और बूर का तो सत्यानाश कर दिया था उस दिन पर मैं खुश थी क्यों की मेरी वासना की आग को कुछ शांति मिली | करीब ४ महीने से वो मेरे साथ ही सोते है, अब तो मेरे पेट में २ महीने का बच्चा भी है वो भी ससुर का. आशा करती हु की आपको मेरी आपबीती अच्छी लगी होगी

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