Bahan ki chudai ki kahani

Bahan ki chudai ki kahani
दोस्तों मेरा नाम सूरज है, मैं लखनऊ का रहने बाला हु, मैंने अपनी इंजीनियरिंग की पढाई खत्म करते दिल्ली में अपने बहन के साथ रहता हु, मुझे बॉडी बनाना बहुत अच्छा लगता है. मैं रोज पार्क में दौड़ने और शाम को जिम जाता हु, मेरा बॉडी काफी सुडौल और सुन्दर है. मेरी बहन 38 साल की शादी शुदा है, मेरे जीजाजी एक मल्टीनेशनल कंपनी में काम करते है, इस वजह से वो अक्सर टूर पे ही रहते है. मेरे जीजा जी और बहन को भी लगा की मैं उन दोनों के साथ ही रहु ताकि दीदी को हेल्प हो जाये क्यों की बड़े शहर में अकेले रहना थोड़ा मुश्किल है. जीजा जी जब दिल्ली आते भी थे तो मैं देखता था वो काफी बिजी रहते थे, वो अपनी कंपनी के कामों में ही रहते थे, वो ना तो अपने बच्चों को टाइम दे पाते थे ना तो दीदी को . मेरी दीदी काफी खूबसूरत है, उनका शारीर बहुत ही अच्छा था, वो जिम जाती है और योग करती है, वो अपने बॉडी को काफी मेन्टेन करके रखी है,

दीदी का घर डुप्लेक्स है तो मैं ऊपर रहता हु, मुझे अपनी दीदी को देख कर लगता था की वो इन दिनों काफी उदास रहती है, वो थोड़ा स्ट्रेस में रहने लगी. मैं समझने की कोशिश की पर वो ज्यादा मुझे नहीं बताई. मुझे समझ आ रहा था की लगता है इनका शादीशुदा लाइफ ठीक से नहीं चल रहा है. मैं दीदी के सबसे क्लोज थे, मैं उनसे ज्यादा से ज्यादा बात करने लगा, ताकि वो खुश रहे, मैं इन तिन महीनो में दीदी का अच्छा दोस्त बन गया, जीजा जी लगातार तिन महीने तक टूर पर ही रहे, इस बिच मैं दीदी को काफी समझ चूका था. पर मैं कुछ कर नहीं सकता था. एक दिन की बात है, दीदी एक किट्टी पार्टी में गई थी. आपको तो पता होगा किट्टी पार्टी, उस पार्टी में सिर्फ औरतें थी. पार्टी बड़ी ही रॉयल थी. दिन में ही दीदी का फ़ोन आया था जब मैं ऑफिस में था, की मैं शाम को पार्टी में जाउंगी, और रात लेट आउंगी तुम कहना बाहर ही खा लेना, मैंने कहा ठीक है दीदी.

शाम को मैं घर आया कहना फिर कहकर टीवी पर डीवीडी लगाकर मैं ब्लू फिल्म देखने लगा. और वही सोफे पर ही बैठे बैठे मूठ मारने लगा. क्यों की मैं घर में अकेला था. रात को करीब बारह बज गए तभी फ़ोन आया की मैं दस मिनट में आ रही हु, मैं फटा फट टीवी बंद किया और अपने कमरे में चला गया, दीदी दूर बेल्ल बजाई, और मैं दरवाजा खोल तो हैरान रह गया. दीदी गजब की लग रही थी. बाल खुले थे, रेड कलर की लिपस्टिक लगाई हुई थी, टाइट फ्रॉक पहनी थी. गजब की सुन्दर लग रही थी. मैं तो देखते ही उनको देखता रह गया, उनकी चूचियाँ फ्रॉक के ऊपर से दबकर निकल रही थी. गोरी और लम्बी तो है. ही, निचे हिल बाला सेंडल पहनी थी. जब वो अंदर आने लगी. तो लगा तो ठीक से चल नहीं पा रही थी. मैंने पूछा दीदी क्या बात है. तो वो लड़खड़ाते आवाज में बोलने लगी. कुछ नहीं यार एक पेग ले ली. पर जानते हो सूरज आजकल जवना कितना खराब हो गया है. मैं तो आज की पार्टी देखकर हैरान रह गई. पंद्रह औरत थी किट्टी पार्टी में. आज खूब पार्टी, शराब, खाना, पिन और एक नई चीज थी, जिगोलो, पता है. चार लड़के आये थे, सब औरतों को खुश कर रहे थे, मैंने कहा क्या दीदी खुश कर रहे थे मतलब, अरे सूरज तुम नादान हो, तुम भोले हो, आजकल जमाना बदल गया है. आजकल औरतें भी पैसे दे के सेक्स करवाती है. पर मुझे ठीक नहीं लगा, मेरी कई सहेलियां सेक्स करवा रही थी. मैं थोड़ा हिम्मत रखा और बोला , इसका मतलब वो लोग किट्टी पार्टी में ग्रुप सेक्स कर रहे थे. दीदी बोली हां सही पकडे हो.

दीदी बोली, पर मैं ऐसी नहीं हु, मैं इसलिए आ गई, मुझे समाज में बदनाम नहीं होना है. और वो लड़खड़ाते हुए कहने लगी. बस थोड़ी पि ली यही मेरे लिए काफी है. मैं तो अवाक् रह गया की दीदी कैसी कैसी पार्टी में जाती है. वो बैडरूम में गई और नाइटी चेंज कर के आई. वो क्रीम कलर की नाइटी पहनी थी. अंदर ब्रा के बगैर थी. सो उसकी दोनों चूचियाँ बड़ी बड़ी टाइट हिल रही थी. गांड भी गोल गोल दिख रहा था. मैं पहली बार ऐसी सेक्सी दीदी देखि थी. वो बाथरूम में गई. और मुंह हाथ धो कर आई और बोली तुमने खाना खा लिया, मैंने कहा हां खा लिया, और मैं भी वाशरूम जाने लगा, जब वापस आया तो देखा दीदी वीडियो सीडी हाथ में था. ओह्ह्ह माय गॉड मैं सोफे पर ही सीडी भूल गया था, कवर भी था, जिसमे एक लड़की एक लड़के का लंड चूस रही थी. दीदी उस सीडी को अपने बैडरूम में ले गई. मैं डर गया की कहनी दीदी मुझे पूछ ना ले, मैं अपने रूम में चला गया, करीब आधे घंटे बाद मैं अपने कमरे से निकला और, सोचा देखता हु अगर दीदी सो गई होगी तो किसी तरह से सीडी निकाल लूंगा, पर क्या बताऊँ दोस्तों, मेरी दीदी, उस सीडी को लैपटॉप में देख रही थी. लैपटॉप टेबल पर रखा था और वो अपना नाइटी उतार कर अपनी चूचियाँ दबा रही थी, और अपने चूत में ऊँगली डाल के, आह आह आह आह आह आह कर रही थी. वो जोर जोर से मोअन कर रही थी एक तो वो ऐसे ही नशे में थी, और मुझे लगा की शायद आज वो ग्रुप सेक्स देखकर आई थी इलिए वो इतनी व्याकुल थी. मैं दरवाजे के पास ही खड़ा होकर देखने लगा. वो आह आह उफ़ उफ़ कर रही थी.

मेरे से रहा नहीं गया और मैंने अपना लंड निकाल लिया और सोंटने लगा, ओह्ह्ह क्या लग रहा था यार, मुझे तो लग रहा था की मैं अपना टाइम क्यों खराब कर रहा हु, जाकर पेल देने का मन कर रहा था. पर मैं ऐसा कैसे कर सकता था. मैं काफी कामुक हो गया था. मेरे मुंह से सिसकियाँ निकल रही थी. मैं लंड को हिला रहा था. और मुंह से आह आह निकल रहा था. और मैंने आँख बंद कर लिया और जोर जोर से मैथुन करने लगा क्यों की मेरे निकलने बाला था. तभी मैं फिर आँख खोल कर देखा तो एक दम रूक गया, क्यों की दीदी मेरे सामने कड़ी थी. वो भी नंगी. मैंने कहा सॉरी, दीदी बोली सॉरी की क्या बात बात है. आज तो मैं यही सोच कर आई. की मैं किसी जिगोलो से सेक्स क्यों करूँ, जब घर में मेरा जवान भाई है तो, और वो मुझे खींच कर अंदर ले गई. और पलंग पे धक्का दे दी. दीदी के मुंह से सबरब की बू आ रही थी पर उनके बदन से इत्र की खुशबु थी और होठ लाल लाल, क्या बताऊँ  के दोस्तों क़यामत थी. मजा आ गया था, वो मेरे होठ को चूसने लगी. और मैंने उनके अपने आगोश में भर लिया, उनकी चूचियाँ मेरे सिने पे लोटने लगा, और मैं होठ को चूमने लगा. और पीछे उनके चूतड़ को पकड़ कर उनके चूत को अपने लंड से सटा लिया,

दीदी और भी ज्यादा गरम हो गई. जब उनका चूत मेरे लंड से सटा तो, मैं हैरान रह गया. क्यों की उनकी चूत काफी गरम हो चुकी थी. और पानी पानी हुआ था. मैं बोल दीदी अपना रस तो मुझे थोड़ा पिला दो. तो दीदी बोली, हां हां क्यों नहीं, ये ले पि ले मेरा रस. दीदी मेरे मुंह के ऊपर बैठ गई. उनकी चूत मेरे मुंह से रगड़ खाने लगा. और मैं अपने जीभ से चाटने लगा. फिर करीब ५ मिनट बाद, बोली अब तू भी तो चखा, अपना आइसक्रीम, मैंने कहा रोक किसने, और दीदी निचे जाकर, मेरे लंड को मुंह में ले ली, और मेरे लंड को अपने मुंह में चूसने लगी. मैंने उनके बाल को पकड़ कर लंड को मुंह में ही पेलने लगा. फिर दीदी लेट गई और मैं उनके ऊपर चढ़ गया, पहले तो उनकी चूचियों से खेला, नाभि में जीभ डाला, दीदी बोली भाई अब मुझे मत तड़पा, मैं काफी भूखी हु सेक्स की, मेरा पति भी मुझे नहीं चोदता था, जितना मैं चुदना चाहती हु, आज तू खुश कर दे.

मैंने दीदी के दोनों पैरों को ऊपर किया, और अपना लंड उनके चूत के ऊपर रखा, और जोर जोर से पेलने लगा. ओह्ह्ह खीरा की तरह लग रहा था उनका चूत, मैंने जोर जोर से धक्के देने लगा. वो भी खूब मजे लेने लगी. फिर मैंने उनको घोड़ी बनाया और गांड के पीछे से उनके चूत में लंड डालने लगा. वो धक्के दे दे के चुदवाने लगी. मैं खूब मजे से उल्टा के पलटा के अपने दीदी को चोदने लगा, दोस्तों वो मुझे भद्दी भद्दी गलियां दे रही थी और चुदवा रही थी. मैं भी कोई कसार नहीं छोड़ा था उनको चोदने में, आखिर वो शांत हो गई और मैंने भी अपना वीर्य उनके चूत में हो छोड़ दिया, इस तरह से पहला दिन करीब ४ बार चोदा. फिर क्या था दोस्तों, मेरे दीदी खुश रहने लगी. अब उनको अकेलेपन का एहसास नहीं होता था, जीजा जी आये नहीं आये उन्हें कोई फर्क नहीं पड़ता था. वो कहती है. भले ही तुम्हारे जीजा जी बाहर रहें. मैं तो अपने भाई से ही खुश हु.

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