Bewafa Biwi Ki Kahani अपनी बीवी को पड़ोसी से चुदते देखा
अपनी बेवफा बीवी को मैंने एक रात अपने पड़ोसी से चुदती हुई देखा. असल में मेरे लंड में ज्यादा तनाव नहीं आता था और वीर्य जल्दी छूट जाता था। मेरी बीवी चुदाई में खुश नहीं थी।
दोस्तो, मेरा नाम अशोक प्रसाद है, मेरी उम्र 48 साल है.
मेरी बीवी का नाम चंदा है उसकी उम्र 35 साल की है
वह देखने में सुंदर और सेक्सी है.
उसकी फिगर करीब 38-28-40 होगी।
आज मैं आपको अपनी बेवफा बीवी की रियल स्टोरी सुनाने जा रहा हूं।
मेरी बीवी की चुदाई तो मैं करता था लेकिन वो खुश नहीं हो पाती थी।
कारण था कि मेरा लंड अब इतना टाइट खड़ा नहीं हो पाता था जबकि मेरी बीवी को चाहिए मोटा और सख्ती से खड़ा हुआ लंड।
मैं जब भी अपनी बीवी से चूत मांगता तो वह साफ मना कर देती थी या कोई बहाना कर देती थी।
एक दिन की बात है जब मुश्किल से मेरी बीवी मुझे चूत देने के लिए तैयार हुई।
जैसे ही उसने मेरा लंड पकड़ कर खड़ा करना चाहा, मेरा पानी निकल गया।
तभी उसने गुस्से से मेरा लंड झिड़क दिया और मुँह फेर कर सो गई।
मैं भी अपने झड़े हुए लंड को पकड़ कर सो गया।
रात करीब एक-डेढ़ बजे मेरी नींद खुली तो क्या देखता हूं कि मेरी बीवी अपने बिस्तर पर नहीं थी।
मैंने सोचा शयद टॉयलेट गई होगी।
इतने में हमारे साथ वाले कमरे से कुछ आवाज सुनाई दी। एक बार तो मैं डर गया लेकिन फिर ध्यान दिया कि ये तो दो इंसानों के बीच में कुछ खुसर-फुसर हो रही थी।
मैंने कान लगा कर सुनने की कोशिश की लेकिन साफ-साफ कुछ भी सुनाई नहीं दे रहा था।
फिर मैं धीरे से बेड से उठ कर उस कमरे की खिड़की तक पहुंचा यह देखने कि वहां आखिर हो क्या रहा है।
जैसे ही मैंने झांक कर देखा तो दिमाग सन्न रह गया।
नीचे मेरी बेड बीवी लेटी हुई थी और उसके बगल में कोई मर्द लुंगी में पड़ा हुआ था।
उस आदमी को मैंने पहचाना तो वे हमारे पड़ोसी यादव जी निकले!
मैंने देखा कि मेरी बीवी यादव जी की लुंगी में हाथ डाल कर उनके लंड को सहला रही थी।
वहीं यादव जी मेरी बीवी की नाईटी में हाथ डाल कर एक हाथ से उसकी चूत सहला रहे थे और दूसरे हाथ से उसकी चूची दबा रहे थे।
एक बार तो मुझे बुरा लगा लेकिन औरत-मर्द की चुदाई देखना किसे अच्छा नहीं लगता।
मुझे भी ख्याल आया कि आज अपनी बीवी को चुदते हुए देखता हूं।
तो मैं धीरे से वहीं पर नजर टिका कर उन दोनों की हरकतें देखने लगा।
फिर मेरी बीवी ने यादव जी की लुंगी खोल कर अलग कर दी और अपनी नाईटी उतार दी।
जैसे ही मैंने यादव जी का लंड देखा तो मुंह से निकला- अरे मेरी मैया! इतना लम्बा लंड!
दोस्तो, यादव जी का लंड काफी लम्बा और 2 इंच मोटा था।
मेरी बीवी ने बड़े प्यार से उसका लंड अपने हाथ में लेकर सहलाना शुरू कर दिया।
उसका लंड एकदम से रॉड की तरह सख्त दिख रहा था।
इतना मोटा और लम्बा लंड देखकर तो मेरी बीवी मन ही मन बहुत ही खुश हो रही होगी।
साथ ही मेरे ढीले लंड की तुलना में तो उनका लंड लोहे जैसा सख्त दिख रहा था।
पड़ोसी मर्द के लंड से चुदाई के लिए मेरी बीवी इस वक्त बहुत उतावली दिख रही थी।
यह देखकर मुझे भी मजा आ रहा था।
कुछ देर लौड़ा सहलवाने के बाद यादव जी ने मेरी बीवी के मुंह को पकड़ कर अपने लंड पर झुका दिया।
मेरी बीवी ने झट से उनका लंड अपने मुंह में भर लिया और चूसने लगी।
यादव जी मेरी बीवी के सिर को लंड पर दबाने लगे।
मेरी बीवी भी मस्ती में लंड चूसती चली जा रही थी।
5-7 मिनट तक यादव जी अपना मूसल लौड़ा मेरी बेवफा बीवी को चुसवाते रहे।
फिर जब बीवी का मुंह दुखने लगा तो उसने लंड को मुंह से निकाल दिया और फुसफुसाते हुए बोली- अब मुंह दुख रहा है, और नहीं चूस सकती।
यादव जी उठे और मेरी बीवी की दोनों टांगें फैला दीं; फिर अपना मुंह उसकी चूत पर रख दिया।
वे मेरी बीवी की चूत को चूमने लगे और मेरी बीवी उचकने लगी।
मेरा पड़ोसी मेरी आंखों के सामने मेरी बीवी की चूत चूम रहा था।
मुझे यह देखकर थोड़ा मलाल हो रहा था लेकिन साथ में मजा सा भी आ रहा था।
यादव जी लगातार चूत पर चुम्बन दे रहे थे।
अब वे मेरी बीवी की दोनों टांगें और चौड़ी फैला कर जीभ को चूत के छेद में डालने की कोशिश करने लगे।
मेरी बीवी भी चूत उठा उठाकर जीभ को अंदर लेने की कोशिश कर रही थी।
आधी जीभ उसकी चूत में जा रही थी जिससे वो चुदने के लिए और ज्यादा तड़प जाती थी।
वह यादव जी का मुंह अपनी चूत पर दबाने लगी।
अब मेरा पड़ोसी भी मेरी बीवी की चूत को कुत्ते की तरह चाटने लगा।
मेरी पत्नी की हालत खराब हो रही थी; वह बहुत चुदासी होती जा रही थी।
उधर यादव जी भी अपने मूसल लंड को लगातार हाथ से हिला रहे थे।
लगातार चूत में जाती जीभ मेरी बीवी को पागल कर रही थी।
वो अब दबी हुई सिसकारियों से अपनी चुदास जाहिर कर रही थी- अम्म … ऊंऊऊऊ … स्स्सस्स् हूंऊऊऊ … बस … आह।
सिसकारती हुई वह एकदम से धीमे स्वर में बोली- और जोर से चाटो … झड़ने वाली हूं।
कहते हुए उसने और जोर से यादव जी का मुंह अपनी चूत पर दबाना शुरू कर दिया।
यादव जी भी और तेजी से उसकी चूत को खाने लगे।
इतने में ही मेरी बीवी के बदन में झटके लगने लगे और वह जोर से यादव जी का सिर चूत में दबाते हुए उन्हें जांघों से भींचने लगी।
मेरी बीवी की चूत ने पानी छोड़ दिया।
यादव जी चूत से निकले रस को चाटने लगे।
सारा रस चाटने के बाद यादव जी चूत पर से उठ कर एक तरफ हो गए।
उनका लंड अभी भी वैसा का वैसा मूसल जैसा तना खड़ा था।
उन्होंने बीवी का हाथ लंड पर रखवाते हुए लंड की मुठ मारने का इशारा उसे किया।
मेरी बीवी ने उनके लंड का टोपा ऊपर नीचे करते हुए हल्के से मुठ मारना शुरू किया।
वे मेरी बीवी की चूचियों को मुंह में भरकर पीने लगे, उसकी चूत को उंगलियों से सहलाने लगे।
फिर 2-3 मिनट ऐसे ही चूत में उंगली करने के बाद उन्होंने मेरी बीवी को सीधी कमर के बल लिटा लिया, वे टांगों के बीच में आ गए और अपना लंड मेरी बीवी की चूत के छेद पर रख कर उन्होंने धक्का दिया और आधे से ज्यादा लंड उसकी चूत में घुस गया।
मेरी बीवी ने टांगें और ज्यादा चौड़ी फैला लीं ताकि लंड अच्छे से भीतर जा सके।
यादव जी ने अब दूसरा धक्का दिया और पूरा का पूरा लंड मेरी बीवी की चूत में समा गया।
बीवी के मुंह से आहिस्ता से आह्ह … निकली और बोली- उम्म … यादव जी … मजा आ गया आह!
लंड पूरा जाते ही बीवी ने नीचे से गांड उचकाना शुरू कर दिया।
यादव जी समझ गए कि मेरी बीवी चुदने के लिए कितनी उतावली हो रही है।
अच्छी तरह से लंड को चूत में सेट करके यादव जी ने चुदाई शुरू कर दी।
मेरी बीवी की चूत में अब हर धक्के साथ यादव जी का लंड भीतर तक मजा देकर आ रहा था।
मेरे शिथिल लंड से जो सुख बीवी को नहीं मिल पा रहा था, वो सुख मेरे पड़ोसी का मूसल लंड दे रहा था।
मुझे इस बात का सुकून था कि चलो कहीं तो मेरी बीवी को उसके हिस्से का मजा मिल रहा है।
बीवी की चूत में धक्के लगाते हुए यादव जी का जोश अब बढ़ता ही जा रहा था; उनकी स्पीड तेज हो गई थी।
उधर मेरी बीवी को भी लंड लेने में और ज्यादा मजा आने लगा था।
बीच-बीच में मेरी बीवी यादव जी को अपने ऊपर खींच लेती थी और होंठों को चूसने लगती थी; कभी उनके होंठ अपने निप्पलों पर दबा देती थी।
यादव जी भी चूचियां चूसते हुए बीवी को चोद रहे थे।
अपनी पत्नी की चुदाई का ये नजारा देखते हुए मैं भी सोच रहा था कि औरत को अच्छे से चोदने वाला मर्द चाहिए होता है। अगर उसकी तबियत से चुदाई न हो तो वह खुश नहीं रह सकती है।
मेरी बीवी के चेहरे पर चुदते हुए एक अलग ही आनंद दिखाई दे रहा था, भले ही यादव जी का मूसल लंड उसे थोड़ा दर्द भी दे रहा था।
आह्ह … आह्ह करती हुई वह लगातार अपनी चूत को उछाल उछालकर लंड अंदर तक लेने की कोशिश कर रही थी।
काफी देर तक मेरी बीवी की चूत को इसी पोजीशन में रगड़ कर चोदने के बाद यादव जी ने उसे घोड़ी बनने को कहा।
मेरे बेवफा बीवी पड़ी-पड़ी चुद रही थी।
यादव जी ने एकदम से लंड खींचकर निकाल लिया तो उसके आनंद में विघ्न पड़ गया।
वह फटाक से उठकर घोड़ी बन गई ताकि जल्दी से लंड फिर से चूत में आ जाए।
यादव जी ने मेरी बीवी के चूतड़ों को पकड़ कर लंड को चूत पर सेट करके धक्का मार दिया।
लंड एक बार में ही अंदर जा फंसा।
चुद चुदकर चूत अब तक चौड़ी हो चुकी थी और चिकनी भी!
पूरा लंड अंदर घुसाकर यादव जी थपाथप … थपाथप मेरी बीवी की चुदाई करने लगे।
मेरी बीवी के मुंह से एक बार फिर सिसकारियां निकलना शुरू हो गईं- आह्ह … अम्म … उम्म … ओह्ह यादव जी … चोद दीजिए।
मेरी बीवी की चूत रस छोड़ रही थी जिससे यादव जी का लंड भी चिकना हो चुका था।
चुदाई में पच-पच की आवाज भी आने लगी थी।
पांच मिनट में ही मेरी बीवी आह … मैं झड़ी … मैं झड़ी … करते हुए कांपने लगी।
चूत से निकलने वाले ने रस ने यादव जी का लंड पूरा गीला कर दिया।
यादव जी अब और ज्यादा जोश में आकर मेरी बीवी को चोदने लगे।
पूरे कमरे में फच-फच की आवाज होने लगी।
फिर उन्होंने बीवी को साइड में लिटा लिया और खुद भी बगल में लेटकर बीवी की एक टांग उठाकर पीछे से लंड डालते हुए चोदने लगे।
अब मेरी बीवी करवट के बल लेटी हुई टांग उठाकर चुद रही थी।
उसको ऐसी हालत में चुदते हुए देखकर मुझे बहुत मजा आ रहा था।
कुछ देर चोदने के बाद उन्होंने अपना लंड बाहर खींच लिया।
मेरी बीवी अब चुद चुदकर थक चुकी थी और बस यादव जी का साथ दे रही थी।
यादव जी ने अब मेरी बीवी की गांड के छेद पर हाथ से रगड़ना शुरू किया, फिर लंड को गांड के छेद पर सटा दिया।
मेरी रंडी बीवी समझ गई कि उसकी गांड चुदने वाली है, इसलिए वह मना करने लगी।
लेकिन यादव जी नहीं माने; लंड को गांड पर सटाकर उन्होंने धक्का मार दिया।
लंड गांड में थोड़ा सा घुस गया लेकिन मेरी बीवी को जोर का दर्द हुआ।
वह चीखने वाली थी लेकिन यादव जी ने उसका मुंह हाथ से बंद कर दिया।
फिर थोड़ा विराम देकर वो धीरे-धीरे बीवी की गांड में लंड को आगे पीछे करने लगे।
थोड़ी ही देर में लंड अच्छी तरह गांड में अंदर-बाहर जाने लगा।
अब मेरी बीवी भी गांड चुदवाने का आनंद ले रही थी।
करीब 15 मिनट तक मेरी बीवी की गांड मारने के बाद यादव जी गांड में ही झड़ गए।
वे अब कुत्ते की तरह हांफ रहे थे।
फिर वे मेरी बीवी के बगल में लेट गए।
दोनों ऐसे ही पड़े रहे।
मैं भी अब झांकना छोड़कर अपने कमरे में आराम से लेट गया।
मुझे लगा अब यादव जी निकल जाएंगे लेकिन ऐसा नहीं हुआ।
पांच मिनट बाद मुझे फिर से खुसर-फुसर सुनाई दी।
मैं धीरे से उठा और कमरे में झांका तो यादव जी लुंगी बांधकर जाने के लिए कह रहे थे।
लेकिन मेरी बीवी बार बार उनकी लुंगी को दोबारा से खोलकर लंड हाथ में लेकर सहलाते हुए कहने लगती थी- एक बार और … बस एक बार और … कर दो ना … यादव जी … चोद दो ना!
यादव जी ने कुछ सोचा और फिर जेब से दारू की बोतल निकाल कर पीने लगे।
आधी खाली करने के बाद उन्होंने वो मेरी बीवी को पकड़ा दी।
मेरी बीवी खटाक से बची हुई दारू गटक गई।
फिर बोली- एक और होती तो मजा आ जाता।
फिर कुछ देर तक दोनों बातें करते रहे और उनको धीरे धीरे नशा होने लगा।
नशे की हालत में यादव जी अब मेरी बीवी की चूत में मुँह लगा कर चाटने लगे।
फिर मेरी बीवी को मुरझाया हुआ लंड दिखा कर चूसने को कहा।
मेरी पत्नी उनका लंड मुँह मे लेकर चूसने लगी।
कुछ ही देर में यादव जी का लंड फिर खड़ा होने लगा।
एक बार फिर से उन्होंने मेरी बीवी की चूत में लंड डाला और चोदने लगे।
कुछ देर में उसकी सिसकारियां निकलने लगीं- आह्ह यादव जी, आह्ह चोदो … आह्ह मजा आ रहा है! और जोर से चोदो!
फिर यादव जी ने अपनी स्पीड बढ़ा दी।
जोर से चुदाई होने लगी।
मेरा लंड भी खड़ा हो गया था।
बेवफा बीवी को चुदते हुए देखकर मैं भी अब खुद को नहीं रोक पा रहा था।
मैं भी अपने लंड को हाथ में लेकर सहलाने लगा।
यादव जी ताबड़तोड़ मेरी बीवी की चूत में लंड पेले जा रहे थे।
हर धक्के के साथ उसकी चूचियां भी तेजी से उछल रही थीं।
कुछ ही देर में वो आह्ह … आह्ह करते हुए फिर से झड़ गई।
लेकिन यादव जी लगे हुए थे।
अब उन्होंने मेरी बीवी को पीठ के बल लिटा लिया और टांगें चौड़ी खोलकर तेजी से लंड को पेलने लगे।
फिर चोदते हुए उसके चूचों को पीने लगे।
मेरी बीवी ने अपनी टांगों को मेरे पड़ोसी के चूतड़ों पर लपेट दिया।
आधे घंटे तक घमासान चुदाई चली।
फिर एकदम से उन्होंने अपना लंड बाहर खींच लिया और मेरी बीवी के मुंह में दे दिया।
वे मुंह में देकर चोदने लगे।
फिर सारा माल मेरी बीवी के मुंह में ही गिरा दिया।
तब यादव ने मेरी बीवी की नाइटी ली और लंड साफ कर लिया।
उसके बाद वो चुपके से निकल लिए।
मेरी बीवी अभी बेसुध सी हालत में चूत खोले ऐसे ही पड़ी थी।
उसे अब नींद आ रही थी।
वह खुली चूत लेकर वहीं पर सो गई।
मैं भी मुठ मारकर सो गया।
मुझे मेरी बीवी की चुदाई देखकर बहुत मजा आया।
लेकिन आपको मेरी बीवी की चुदाई की कहानी पढ़कर मजा आया या नहीं मुझे जरूर बताइयेगा।
आप मुझे बेवफा बीवी की कहानी के नीचे कमेंट्स में अपनी प्रतिक्रिया लिख सकते हैं। तो कमेंट जरूर करके अपनी राय दें।
या फिर मुझे ईमेल पर मैसेज भेज सकते हैं।
जल्द ही अगली कहानी में मिलेंगे।
तब तक आप यहां पर ऐसे ही गर्मागर्म सेक्स कहानियों का मजा लेते रहिए।
दोस्तो, मेरा नाम अशोक प्रसाद है, मेरी उम्र 48 साल है.
मेरी बीवी का नाम चंदा है उसकी उम्र 35 साल की है
वह देखने में सुंदर और सेक्सी है.
उसकी फिगर करीब 38-28-40 होगी।
आज मैं आपको अपनी बेवफा बीवी की रियल स्टोरी सुनाने जा रहा हूं।
मेरी बीवी की चुदाई तो मैं करता था लेकिन वो खुश नहीं हो पाती थी।
कारण था कि मेरा लंड अब इतना टाइट खड़ा नहीं हो पाता था जबकि मेरी बीवी को चाहिए मोटा और सख्ती से खड़ा हुआ लंड।
मैं जब भी अपनी बीवी से चूत मांगता तो वह साफ मना कर देती थी या कोई बहाना कर देती थी।
एक दिन की बात है जब मुश्किल से मेरी बीवी मुझे चूत देने के लिए तैयार हुई।
जैसे ही उसने मेरा लंड पकड़ कर खड़ा करना चाहा, मेरा पानी निकल गया।
तभी उसने गुस्से से मेरा लंड झिड़क दिया और मुँह फेर कर सो गई।
मैं भी अपने झड़े हुए लंड को पकड़ कर सो गया।
रात करीब एक-डेढ़ बजे मेरी नींद खुली तो क्या देखता हूं कि मेरी बीवी अपने बिस्तर पर नहीं थी।
मैंने सोचा शयद टॉयलेट गई होगी।
इतने में हमारे साथ वाले कमरे से कुछ आवाज सुनाई दी। एक बार तो मैं डर गया लेकिन फिर ध्यान दिया कि ये तो दो इंसानों के बीच में कुछ खुसर-फुसर हो रही थी।
मैंने कान लगा कर सुनने की कोशिश की लेकिन साफ-साफ कुछ भी सुनाई नहीं दे रहा था।
फिर मैं धीरे से बेड से उठ कर उस कमरे की खिड़की तक पहुंचा यह देखने कि वहां आखिर हो क्या रहा है।
जैसे ही मैंने झांक कर देखा तो दिमाग सन्न रह गया।
नीचे मेरी बेड बीवी लेटी हुई थी और उसके बगल में कोई मर्द लुंगी में पड़ा हुआ था।
उस आदमी को मैंने पहचाना तो वे हमारे पड़ोसी यादव जी निकले!
मैंने देखा कि मेरी बीवी यादव जी की लुंगी में हाथ डाल कर उनके लंड को सहला रही थी।
वहीं यादव जी मेरी बीवी की नाईटी में हाथ डाल कर एक हाथ से उसकी चूत सहला रहे थे और दूसरे हाथ से उसकी चूची दबा रहे थे।
एक बार तो मुझे बुरा लगा लेकिन औरत-मर्द की चुदाई देखना किसे अच्छा नहीं लगता।
मुझे भी ख्याल आया कि आज अपनी बीवी को चुदते हुए देखता हूं।
तो मैं धीरे से वहीं पर नजर टिका कर उन दोनों की हरकतें देखने लगा।
फिर मेरी बीवी ने यादव जी की लुंगी खोल कर अलग कर दी और अपनी नाईटी उतार दी।
जैसे ही मैंने यादव जी का लंड देखा तो मुंह से निकला- अरे मेरी मैया! इतना लम्बा लंड!
दोस्तो, यादव जी का लंड काफी लम्बा और 2 इंच मोटा था।
मेरी बीवी ने बड़े प्यार से उसका लंड अपने हाथ में लेकर सहलाना शुरू कर दिया।
उसका लंड एकदम से रॉड की तरह सख्त दिख रहा था।
इतना मोटा और लम्बा लंड देखकर तो मेरी बीवी मन ही मन बहुत ही खुश हो रही होगी।
साथ ही मेरे ढीले लंड की तुलना में तो उनका लंड लोहे जैसा सख्त दिख रहा था।
पड़ोसी मर्द के लंड से चुदाई के लिए मेरी बीवी इस वक्त बहुत उतावली दिख रही थी।
यह देखकर मुझे भी मजा आ रहा था।
कुछ देर लौड़ा सहलवाने के बाद यादव जी ने मेरी बीवी के मुंह को पकड़ कर अपने लंड पर झुका दिया।
मेरी बीवी ने झट से उनका लंड अपने मुंह में भर लिया और चूसने लगी।
यादव जी मेरी बीवी के सिर को लंड पर दबाने लगे।
मेरी बीवी भी मस्ती में लंड चूसती चली जा रही थी।
5-7 मिनट तक यादव जी अपना मूसल लौड़ा मेरी बेवफा बीवी को चुसवाते रहे।
फिर जब बीवी का मुंह दुखने लगा तो उसने लंड को मुंह से निकाल दिया और फुसफुसाते हुए बोली- अब मुंह दुख रहा है, और नहीं चूस सकती।
यादव जी उठे और मेरी बीवी की दोनों टांगें फैला दीं; फिर अपना मुंह उसकी चूत पर रख दिया।
वे मेरी बीवी की चूत को चूमने लगे और मेरी बीवी उचकने लगी।
मेरा पड़ोसी मेरी आंखों के सामने मेरी बीवी की चूत चूम रहा था।
मुझे यह देखकर थोड़ा मलाल हो रहा था लेकिन साथ में मजा सा भी आ रहा था।
यादव जी लगातार चूत पर चुम्बन दे रहे थे।
अब वे मेरी बीवी की दोनों टांगें और चौड़ी फैला कर जीभ को चूत के छेद में डालने की कोशिश करने लगे।
मेरी बीवी भी चूत उठा उठाकर जीभ को अंदर लेने की कोशिश कर रही थी।
आधी जीभ उसकी चूत में जा रही थी जिससे वो चुदने के लिए और ज्यादा तड़प जाती थी।
वह यादव जी का मुंह अपनी चूत पर दबाने लगी।
अब मेरा पड़ोसी भी मेरी बीवी की चूत को कुत्ते की तरह चाटने लगा।
मेरी पत्नी की हालत खराब हो रही थी; वह बहुत चुदासी होती जा रही थी।
उधर यादव जी भी अपने मूसल लंड को लगातार हाथ से हिला रहे थे।
लगातार चूत में जाती जीभ मेरी बीवी को पागल कर रही थी।
वो अब दबी हुई सिसकारियों से अपनी चुदास जाहिर कर रही थी- अम्म … ऊंऊऊऊ … स्स्सस्स् हूंऊऊऊ … बस … आह।
सिसकारती हुई वह एकदम से धीमे स्वर में बोली- और जोर से चाटो … झड़ने वाली हूं।
कहते हुए उसने और जोर से यादव जी का मुंह अपनी चूत पर दबाना शुरू कर दिया।
यादव जी भी और तेजी से उसकी चूत को खाने लगे।
इतने में ही मेरी बीवी के बदन में झटके लगने लगे और वह जोर से यादव जी का सिर चूत में दबाते हुए उन्हें जांघों से भींचने लगी।
मेरी बीवी की चूत ने पानी छोड़ दिया।
यादव जी चूत से निकले रस को चाटने लगे।
सारा रस चाटने के बाद यादव जी चूत पर से उठ कर एक तरफ हो गए।
उनका लंड अभी भी वैसा का वैसा मूसल जैसा तना खड़ा था।
उन्होंने बीवी का हाथ लंड पर रखवाते हुए लंड की मुठ मारने का इशारा उसे किया।
मेरी बीवी ने उनके लंड का टोपा ऊपर नीचे करते हुए हल्के से मुठ मारना शुरू किया।
वे मेरी बीवी की चूचियों को मुंह में भरकर पीने लगे, उसकी चूत को उंगलियों से सहलाने लगे।
फिर 2-3 मिनट ऐसे ही चूत में उंगली करने के बाद उन्होंने मेरी बीवी को सीधी कमर के बल लिटा लिया, वे टांगों के बीच में आ गए और अपना लंड मेरी बीवी की चूत के छेद पर रख कर उन्होंने धक्का दिया और आधे से ज्यादा लंड उसकी चूत में घुस गया।
मेरी बीवी ने टांगें और ज्यादा चौड़ी फैला लीं ताकि लंड अच्छे से भीतर जा सके।
यादव जी ने अब दूसरा धक्का दिया और पूरा का पूरा लंड मेरी बीवी की चूत में समा गया।
बीवी के मुंह से आहिस्ता से आह्ह … निकली और बोली- उम्म … यादव जी … मजा आ गया आह!
लंड पूरा जाते ही बीवी ने नीचे से गांड उचकाना शुरू कर दिया।
यादव जी समझ गए कि मेरी बीवी चुदने के लिए कितनी उतावली हो रही है।
अच्छी तरह से लंड को चूत में सेट करके यादव जी ने चुदाई शुरू कर दी।
मेरी बीवी की चूत में अब हर धक्के साथ यादव जी का लंड भीतर तक मजा देकर आ रहा था।
मेरे शिथिल लंड से जो सुख बीवी को नहीं मिल पा रहा था, वो सुख मेरे पड़ोसी का मूसल लंड दे रहा था।
मुझे इस बात का सुकून था कि चलो कहीं तो मेरी बीवी को उसके हिस्से का मजा मिल रहा है।
बीवी की चूत में धक्के लगाते हुए यादव जी का जोश अब बढ़ता ही जा रहा था; उनकी स्पीड तेज हो गई थी।
उधर मेरी बीवी को भी लंड लेने में और ज्यादा मजा आने लगा था।
बीच-बीच में मेरी बीवी यादव जी को अपने ऊपर खींच लेती थी और होंठों को चूसने लगती थी; कभी उनके होंठ अपने निप्पलों पर दबा देती थी।
यादव जी भी चूचियां चूसते हुए बीवी को चोद रहे थे।
अपनी पत्नी की चुदाई का ये नजारा देखते हुए मैं भी सोच रहा था कि औरत को अच्छे से चोदने वाला मर्द चाहिए होता है। अगर उसकी तबियत से चुदाई न हो तो वह खुश नहीं रह सकती है।
मेरी बीवी के चेहरे पर चुदते हुए एक अलग ही आनंद दिखाई दे रहा था, भले ही यादव जी का मूसल लंड उसे थोड़ा दर्द भी दे रहा था।
आह्ह … आह्ह करती हुई वह लगातार अपनी चूत को उछाल उछालकर लंड अंदर तक लेने की कोशिश कर रही थी।
काफी देर तक मेरी बीवी की चूत को इसी पोजीशन में रगड़ कर चोदने के बाद यादव जी ने उसे घोड़ी बनने को कहा।
मेरे बेवफा बीवी पड़ी-पड़ी चुद रही थी।
यादव जी ने एकदम से लंड खींचकर निकाल लिया तो उसके आनंद में विघ्न पड़ गया।
वह फटाक से उठकर घोड़ी बन गई ताकि जल्दी से लंड फिर से चूत में आ जाए।
यादव जी ने मेरी बीवी के चूतड़ों को पकड़ कर लंड को चूत पर सेट करके धक्का मार दिया।
लंड एक बार में ही अंदर जा फंसा।
चुद चुदकर चूत अब तक चौड़ी हो चुकी थी और चिकनी भी!
पूरा लंड अंदर घुसाकर यादव जी थपाथप … थपाथप मेरी बीवी की चुदाई करने लगे।
मेरी बीवी के मुंह से एक बार फिर सिसकारियां निकलना शुरू हो गईं- आह्ह … अम्म … उम्म … ओह्ह यादव जी … चोद दीजिए।
मेरी बीवी की चूत रस छोड़ रही थी जिससे यादव जी का लंड भी चिकना हो चुका था।
चुदाई में पच-पच की आवाज भी आने लगी थी।
पांच मिनट में ही मेरी बीवी आह … मैं झड़ी … मैं झड़ी … करते हुए कांपने लगी।
चूत से निकलने वाले ने रस ने यादव जी का लंड पूरा गीला कर दिया।
यादव जी अब और ज्यादा जोश में आकर मेरी बीवी को चोदने लगे।
पूरे कमरे में फच-फच की आवाज होने लगी।
फिर उन्होंने बीवी को साइड में लिटा लिया और खुद भी बगल में लेटकर बीवी की एक टांग उठाकर पीछे से लंड डालते हुए चोदने लगे।
अब मेरी बीवी करवट के बल लेटी हुई टांग उठाकर चुद रही थी।
उसको ऐसी हालत में चुदते हुए देखकर मुझे बहुत मजा आ रहा था।
कुछ देर चोदने के बाद उन्होंने अपना लंड बाहर खींच लिया।
मेरी बीवी अब चुद चुदकर थक चुकी थी और बस यादव जी का साथ दे रही थी।
यादव जी ने अब मेरी बीवी की गांड के छेद पर हाथ से रगड़ना शुरू किया, फिर लंड को गांड के छेद पर सटा दिया।
मेरी रंडी बीवी समझ गई कि उसकी गांड चुदने वाली है, इसलिए वह मना करने लगी।
लेकिन यादव जी नहीं माने; लंड को गांड पर सटाकर उन्होंने धक्का मार दिया।
लंड गांड में थोड़ा सा घुस गया लेकिन मेरी बीवी को जोर का दर्द हुआ।
वह चीखने वाली थी लेकिन यादव जी ने उसका मुंह हाथ से बंद कर दिया।
फिर थोड़ा विराम देकर वो धीरे-धीरे बीवी की गांड में लंड को आगे पीछे करने लगे।
थोड़ी ही देर में लंड अच्छी तरह गांड में अंदर-बाहर जाने लगा।
अब मेरी बीवी भी गांड चुदवाने का आनंद ले रही थी।
करीब 15 मिनट तक मेरी बीवी की गांड मारने के बाद यादव जी गांड में ही झड़ गए।
वे अब कुत्ते की तरह हांफ रहे थे।
फिर वे मेरी बीवी के बगल में लेट गए।
दोनों ऐसे ही पड़े रहे।
मैं भी अब झांकना छोड़कर अपने कमरे में आराम से लेट गया।
मुझे लगा अब यादव जी निकल जाएंगे लेकिन ऐसा नहीं हुआ।
पांच मिनट बाद मुझे फिर से खुसर-फुसर सुनाई दी।
मैं धीरे से उठा और कमरे में झांका तो यादव जी लुंगी बांधकर जाने के लिए कह रहे थे।
लेकिन मेरी बीवी बार बार उनकी लुंगी को दोबारा से खोलकर लंड हाथ में लेकर सहलाते हुए कहने लगती थी- एक बार और … बस एक बार और … कर दो ना … यादव जी … चोद दो ना!
यादव जी ने कुछ सोचा और फिर जेब से दारू की बोतल निकाल कर पीने लगे।
आधी खाली करने के बाद उन्होंने वो मेरी बीवी को पकड़ा दी।
मेरी बीवी खटाक से बची हुई दारू गटक गई।
फिर बोली- एक और होती तो मजा आ जाता।
फिर कुछ देर तक दोनों बातें करते रहे और उनको धीरे धीरे नशा होने लगा।
नशे की हालत में यादव जी अब मेरी बीवी की चूत में मुँह लगा कर चाटने लगे।
फिर मेरी बीवी को मुरझाया हुआ लंड दिखा कर चूसने को कहा।
मेरी पत्नी उनका लंड मुँह मे लेकर चूसने लगी।
कुछ ही देर में यादव जी का लंड फिर खड़ा होने लगा।
एक बार फिर से उन्होंने मेरी बीवी की चूत में लंड डाला और चोदने लगे।
कुछ देर में उसकी सिसकारियां निकलने लगीं- आह्ह यादव जी, आह्ह चोदो … आह्ह मजा आ रहा है! और जोर से चोदो!
फिर यादव जी ने अपनी स्पीड बढ़ा दी।
जोर से चुदाई होने लगी।
मेरा लंड भी खड़ा हो गया था।
बेवफा बीवी को चुदते हुए देखकर मैं भी अब खुद को नहीं रोक पा रहा था।
मैं भी अपने लंड को हाथ में लेकर सहलाने लगा।
यादव जी ताबड़तोड़ मेरी बीवी की चूत में लंड पेले जा रहे थे।
हर धक्के के साथ उसकी चूचियां भी तेजी से उछल रही थीं।
कुछ ही देर में वो आह्ह … आह्ह करते हुए फिर से झड़ गई।
लेकिन यादव जी लगे हुए थे।
अब उन्होंने मेरी बीवी को पीठ के बल लिटा लिया और टांगें चौड़ी खोलकर तेजी से लंड को पेलने लगे।
फिर चोदते हुए उसके चूचों को पीने लगे।
मेरी बीवी ने अपनी टांगों को मेरे पड़ोसी के चूतड़ों पर लपेट दिया।
आधे घंटे तक घमासान चुदाई चली।
फिर एकदम से उन्होंने अपना लंड बाहर खींच लिया और मेरी बीवी के मुंह में दे दिया।
वे मुंह में देकर चोदने लगे।
फिर सारा माल मेरी बीवी के मुंह में ही गिरा दिया।
तब यादव ने मेरी बीवी की नाइटी ली और लंड साफ कर लिया।
उसके बाद वो चुपके से निकल लिए।
मेरी बीवी अभी बेसुध सी हालत में चूत खोले ऐसे ही पड़ी थी।
उसे अब नींद आ रही थी।
वह खुली चूत लेकर वहीं पर सो गई।
मैं भी मुठ मारकर सो गया।
मुझे मेरी बीवी की चुदाई देखकर बहुत मजा आया।
लेकिन आपको मेरी बीवी की चुदाई की कहानी पढ़कर मजा आया या नहीं मुझे जरूर बताइयेगा।
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या फिर मुझे ईमेल पर मैसेज भेज सकते हैं।
जल्द ही अगली कहानी में मिलेंगे।
तब तक आप यहां पर ऐसे ही गर्मागर्म सेक्स कहानियों का मजा लेते रहिए।