Desi Gand Xxx Story सेक्स एक जरूरत है एक सेवा है

Desi Gand Xxx Story सेक्स एक जरूरत है एक सेवा है
हाई दोस्तों, हाउ आर यू? मैं आशा करता हु, कि आप सब मस्त होंगे. चूत को लंड का सलाम और लंड को चूत आसानी से प्राप्त हो रहा होगा. मेरी भगवन से यही कामना है, कि किसी चूत को लंड की कमी ना रहे और ना ही किसी लंड को चूत की. इसलिए मैंने अपना लंड पब्लिक सेवा में लगा दिया है और जिसको भी मेरी सेवा चाहिए, वो ले सकता है. तो दोस्तों, अब मैं अपनी नई स्टोरी शुरू करता हु. जिसका नाम है “सेक्स एक जरूरत है एक सेवा है”. मैं दोस्तों झारखण्ड रांची से हु और यहाँ की फिमेल बहुत ही मस्त होती है. एक दिन मेरे फेसबुक पर एक फ्रेंड रिक्वेस्ट आई, शिल्पा नाम से (नाम चेंज). उसमे लिखा था हेल्लो. तो मैंने भी हेल्लो लिख दिया और फिर उसका मेसेज आया, कि क्या मैं उसके साथ सेक्स चैट कर सकता हु? मैंने उसको पहले पूछा, कि उसको मेरा आईडी कहाँ से मिला? तो उसने बता दिया, कि सेक्स स्टोरी वेबसाइट से ही मिला है. फिर हम लोग बात करने लगे. वो मस्त चैट करने लगी. फिर मैंने भी सेक्स चैट शुरू कर दी उसके साथ.

फिर हम लोग फेसबुक पर विडियो चैट भी करने लगे. जब भी हम फ्री होते, तो चैट करते और फिर एक दिन वो बोली – मेरी शादी होने वाली है. मैंने चाहती हु, कि एक बार तुमसे मिल लू. शादी के पता नहीं मिल पाए या नहीं. फिर मैंने कहा – शादी के बाद ना ही मिलो तो अच्छा है. कोई परेशानी हो सकती है. तुम्हे क्या फायदा. फिर हम लोगो ने प्रोग्राम बनाया, कि एक मॉल में मिलते है. फिर हम लोग मिले, आइसक्रीम खायी. फिर वो बोली – चलो मूवी देखते है. जब हम हॉल में गए, तो काफी डार्क था मूवी स्टार्ट हो चुकी थी. वो आगे – आगे थी और मैं उसके पीछे उसके कंधे पर हाथ रख कर चल रहा था. फिर सीट मिली और जैसे ही बैठा, उसने मेरा हाथ पकड़ा और अपनी चुचियो मेरा मतलब अपने बूब्स पर रख दिया. फिर उसने मेरे होठो को अपने होठो में दबा लिए और चूसने लगी. मैं भी मस्त होने लगा था और मैंने भी उसके बूब्स को दबाना शुरू कर दिया बारी – बारी से दोनों को मसाज देने लगा. फिर थोड़ी देर बात उसने मेरा हाथ पकड़ा और टॉप के अन्दर डाल लिया. अब मैं उसके पेट को सहलाते हुए ब्रा के ऊपर से ही उसके बूब्स को दबाने लगा था और चेयर को सीधा करके वो फ्लैट हो गयी थी.

मैं भी उसके बूब्स को मस्ती में दबा रहा था फिर उसने अपनी ब्रा के हुक को पीछे से खोल दिया और अब मैंने ब्रा के अन्दर हाथ डाल दिया और १स्त टाइम, उसके निप्पल को मेरे हाथ का टच मिला. वो एकदम से सिहर गयी और अब मैंने उसके दोनों निप्पल को प्यार करना शुरू कर दिया था. मैंने उसके निप्पल पर अपनी उंगलिया गोल – गोल करके घुमा रहा था. कभी – कभी अपने उंगलियों से उनके निप्पल को हलके – हलके काट भी देता था. हम दोनों को बड़ा मज़ा आ रहा था. अब उसने मेरे हाथ को पकड़ कर बाहर निकला और मेरी उंगलियों को चूसने लगी बड़े ही सेक्सी अंदाज़ में, जैसे कि कोई लंड चूस रहा हो. फिर उसने अपनेआप जीन्स का बटन खोल कर मेरा हाथ उसकी पेंटी के अन्दर डाल दिया. जैसे ही मैंने चूत में हाथ रखा, मुझे ऐसा लगा.. जैसे की मेरा हाथ जल जाएगा. बहुत ही ज्यादा गरम चूत थी उसकी और उसने अपना हाथ मेरे लंड पर रख दिया और सहलाने लगी, पेंट के ऊपर से ही. मैंने भी पेंट को ऊपर से ही लूज़ करना शुरू कर दिया, ताकि वो अपना हाथ आसानी से अन्दर डाल सके. उसने भी देर ना करते हुए, झट से अपना हाथ अन्दर डाल दिया और मेरे लंड को सहलाने लगी. कभी जोर से दबा देती थी, तो कभी ऊपर – नीचे करती. कभी पूरा लंड बाहर निकाल देती. मैं भी उसकी चूत से खेल रहा था. चूत के दाने को सहला रहा था, तो कभी चूत में उंगलिया डाल रहा था.

ये सब करते हुए, कब फिल्म एंड ही आ गयी.. पता ही नहीं चला. फिर वो बोली – यहीं पास में मेरी एक आंटी रहती है. चलो मैं उनके यहाँ कुछ काम है. मैंने कहा – वो क्या बोलेंगी मुझे देख कर. वो बोली – कुछ नहीं बोलेंगी. आंटी काफी बुद्दी हो चुकी है ८० के आसपास की है. उनका बेटा अभी ऑफिस में होता है. उनके घर में कोई होगा भी नहीं अभी. उनको ठीक से दिखाई भी नहीं देता है. तुम चलो ना. तो मैं बस चुपचाप उसके पीछे चला गया ओके बोल कर. मैंने फिर बाइक स्टार्ट की और वो मुझ से चिपक कर बैठ गयी और रास्ता बताने लगी. थोड़ी ही देर बाद, हम उनके अपार्टमेंट के नीचे पहुचे. लिफ्ट से ऊपर गए और उसने बेल बजायी. आंटी ने डोर ओपन करने से पहले पूछा – कौन है? उसने बोला – मैं हु आंटी शिल्पा. तब उन्होंने डोर ओपन किया और पीछे मुद गयी. वो बोलने लगी – क्या बात है, आज आंटी की याद कैसे आ गयी? तो वो पीछे सेआंटी से लिपट गयी और बोली – आंटी मैं तो हर दिन याद करती हु. बट पढाई की वजह से टाइम नहीं मिलता. ये सब बोलते हुए, उस ने मुझे इशारा किया, कि मैं सामने वाले रूम में चला जाऊ. मैंने भी जल्दी से अपने कदम बढ़ा दिए और कमरे में घुस गया.

फिर वो थोड़ी देर बाद रूम में पानी की बोटल लेकर आ गयी और बोली – आंटी को बोल दिया है, कि कुछ नोट्स कॉपी करने है. इसलिए आपके यहाँ आई हु और फिर मुझ से एकदम से चिपक गयी. उसके बाद हम लोगो ने बहुत लम्बा किस किया और एक – एक करके उसने अपने और मेरे सारे कपड़े उतार दिए. मैंने भी उसकी ब्रा और पेंटी को किस करते हुए उनको दातो से खोला और उसने भी मेरे अंडरवियर को अपने दातो से उतारा. फिर उसने मेरे लंड को चुसना शुरू कर दिया. क्या मस्त चूस रही थी वो. फिर हम लोग ६९ की मुद्रा में आ गये और मैं चूत को चाटते हुए चूसने लगा. वो लंड से खेलने लगी और थोड़ी देर बाद, वो बोली – अब रुक जाओ. मैंने झड़ने वाली हु और ढेर सारा पानी निकाल दिया. अब उसने मुह से लंड बाहर कर दिया और बोला, कि राज मन तो बहुत है चुदाई का बट मैं चाहती हु, कि मेरे पति को मैं कवारी चूत दू. सो प्लीज डोंट माइंड. चूत में लंड मत डालना. मैंने हाथ से ही तुम्हारा माल निकाल देती हु. मुझे बड़ा अजीब लगा, कि ये क्या बात हुई. बट फिर मैंने उसकी इच्छा की रेस्पेक्ट की, कि शायद ये ही सही है. तो दोस्तों, कैसी लगी मेरी कहानी.. अपने कमेंट जरुर लिखना.

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